मजदूरों के ऊपर केमिकल छिड़काव को प्रियंका गांधी ने बताया अमानवीय, यूपी सरकार से कहा- ऐसे काम मत करिए
प्रियंका गांधी ने कहा कि हम सब मिलकर इस आपदा से लड़ रहे हैं. इसलिए यूपी की सरकार से गुजारिश है कि ऐसे अमानवीय काम मत करिए.
नई दिल्ली: बरेली में सड़क पर बैठाकर लोगों के ऊपर केमिकल का छिड़काव किए जाने की घटना को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमानवीय करार दिया है. उन्होंने कहा कि इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि सेहत के लिए और खतरा पैदा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं.
प्रियंका गांधी ने एक घटना से जुड़ा वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘’यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए. मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं. उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत. इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे.’’
यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे। pic.twitter.com/ftovaFHR5q
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 30, 2020
बता दें कि इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बरेली के डीएम ने संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग इस केमिकल के छिड़काव से प्रभावित हुए हैं, उनका इलाज किया जा रहा है.
बरेली के डीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी, ‘’इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है. बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया. सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.’’
दरअसल, ये लोग दिल्ली, नोएडा, हरियाणा और देश के दूसरे हिस्से से अपने घरों की ओर जा रहे थे. बरेली के नगर निगम और फायर ब्रिगेड की टीम ने लोगों को सड़कों पर बैठा दिया और उनके ऊपर सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव कर दिया. ये लोग बस के इंतजार में बैठे थे.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया. कुछ लोग तो पैदल ही अपने गांवों की तरफ निकल पड़े. हालांकि बाद में यूपी सरकार ने मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम किया.