मुंबई: चक्रवात ताउते के कारण जहाज़ बार्ज P305 और टगबोट वरप्रदा पर सवार 86 कर्मचारियों की मौत हो गई है, जबकि बाकियों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया था. अब फारवर्ड सीमेंस यूनियन ऑफ इंडिया ने कर्मचारियों की मौत को प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि लापरवाही का नतीजा बताया है. यूनियन ने कहा है कि बार्ज P305 जहाज़ 40 साल पुराना था और उसमें सुरक्षा के पूरे उपकरण भी नहीं थे. यूनियन ने मांग की है कि मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाए.


फारवर्ड सीमेंस यूनियन ऑफ इंडिया ने सवाल किया है कि जब ओएनजीसी अपने चार्टर में 21 साल पुराने बार्ज या जहाज का इस्तेमाल नहीं करती तो एफकॉन्स (AFCONS) के लिए इसकी इजाजत क्यों ? यूनियन के मुताबिक बार्ज लगभग 40 साल पुराना था और सेशेल्स देश के रेजिस्ट्रेशन से चल रहा था.


यूनियन ने महासचिव मनोज यादव का कहना है कि यूनियन ने मांग की है कि नियमों का उत्लंघन कर चल रही कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करना चाहिए. ओनजीसी खुद एफआईआर दर्ज कराए.


आपको बता दें कि बार्ज P305 के अलावा  एक टगबोट वरप्रदा भी तूफान में हादसे का शिकार हुआ था.


1. बार्ज P305 हादसा जिसमें 261 लोग थे, 186 को बचाया गया. 75 की मौत. सबके शव मिले. कप्तान राकेश का भी शव मिला.


2. टगबोट वरप्रदा हादसा, इस पर 13 लोग थे, जिसमें 2 बचाए गए और अन्य 11 का शव बरामद कर लिया गया है.


70 शव समुद्र में मिले, नेवी ने निकाला.
8 शव अलीबाग के समुद्र किनारे मिले.
8 शव वलसाड के समुद्र किनारे मिले.
यानी 2 घटनाओं में कुल 86 लोगो की मौत.


गौरतलब है कि बार्ज पी-305 चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर डूब गया था. वहीं गाल कंस्ट्रक्टर एंड सपोर्ट स्टेशन 3 (एसएस-3) और ड्रिल पोत सागर भूषण पर मौजूद सभी 440 लोगों को बचा लिया गया.


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