Bathinda Military Station Firing: बठिंडा मिलिट्री स्टेशन फायरिंग में चार जवानों की हत्या का खुलासा हो गया है. सोमवार (17 अप्रैल) को हत्या में शामिल आरोपी जवान को गिरफ्तार कर लिया गया. सेना और पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में घटना के बारे में पूरी जानकारी दी. सेना के जवान देसाई मोहन ने ही इनसास राइफल से चारों जवानों की हत्या की थी. 


आरोपी जवान की निशानदेही पर 8 कारतूस भी बरामद किए गए. जवान ने निजी कारणों से चारों जवानों की हत्या की थी. वारदात के बाद उसने बंदूक सीवरेज के गड्ढे में फेंक दी थी.


निजी रंजिश के चलते हत्या


दक्षिणी पश्चिमी कमान मुख्यालय ने एक बयान में कहा है कि पूछताछ में आर्टिलरी यूनिट के गनर देसाई मोहन ने पुलिस के सामने इंसास राइफल चोरी करने और अपने चार सहयोगियों की हत्या करने में खुद के शामिल होने की बात कबूली है. प्रारंभिक जांच से साफ संकेत मिलता है कि यह निजी रंजिश के चलते किया गया था. 


शख्स वर्तमान में पुलिस हिरासत में है और आगे की जानकारी का पता लगाया जा रहा है. बयान में एक बार फिर से आतंकी साजिश की आशंका से इनकार किया गया. घटना के दिन भी सेना ने आतंकी एंगल से इनकार किया था.


सोते समय की सभी की हत्या


आरोपी ने अपने कबूलनामे में कहा है कि 9 अप्रैल, 2023 की सुबह उसने भरी हुए मैगजीन के साथ इंसास राइफल चुरा ली थी. इसके बाद उसने हथियार को छिपा दिया. 12 अप्रैल की सुबह वह संतरी की ड्यूटी पर तैनात था. सुबह के लगभग 4.30 बजे उसने छिपाए हुए हथियार को निकाला. इसे लेकर वह पहली मंजिल पर गया और वहां सो रहे सभी चारों जवानों की गोली मारकर हत्या कर दी.


इसके बाद उसने हथियार को सीवरेज के गड्ढे में फेंक दिया था. बाद में हथियार और अतिरिक्त गोलियों को सीवरेज से बरामद कर लिया गया.


सभी जवान एक ही यूनिट के हैं. देसाई मोहन की चारों के साथ पर्सनल रंजिश थी . हत्या के बाद देसाई ने फ़र्ज़ी कहानी बनाकर गुमराह करने की कोशिश की थी. आरोपी आंध्रप्रदेश का रहने वाला है और 2019 में भर्ती हुआ था.


दोषियों को मिलेगी सजा- सेना


सेना ने कहा है कि वह अनुशासनहीनता के ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करती है और दोषियों को कानून के हिसाब से सजा दी जाएगी. सेना ने बताया कि जल्द से जांच पूरी करने के लिए पंजाब पुलिस और अन्य एजेंसियों की हर संभव मदद की जा रही है.


यह भी पढ़ें


Atiq Ahmed Killed: जब अतीक अहमद के वोट से बची थी यूपीए सरकार, माफिया ने जेल से बाहर आकर डाला था वोट