Batla House Encounter: बटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने आरिज खान की फांसी की सजा को गुरुवार (12 अक्टूबर) को उम्रकैद में बदला दिया.  दिल्ली पुलिस निरीक्षक एमसी शर्मा की हत्या को लेकर आरिज खान को मौत की सजा सुनाई गई थी. 


जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने हालांकि मामले में खान को दोषी ठहराने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. लाइव लॉ के मुताबिक, मार्च 2021 में ट्रायल कोर्ट ने आरिज को मौत की सजा सुनाई थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर यानी दुर्लभ से दुर्लभतम के तहत आता है. 


बटला हाउस एनकाउंटर
दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई के अधिकारी शर्मा 19 सितंबर, 2008 को दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में मारे गए थे. दिल्ली में पांच सिलसिलेवार बम विस्फोटों के कुछ दिन बाद हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए थे. विस्फोटों में 39 लोगों की मौत हो गयी थी और 159 लोग घायल हो गये थे.


मामला क्या है?
निचली अदालत ने आठ मार्च, 2021 को खान को दोषी ठहराया था. कहा था कि यह साबित हो गया कि उसने और उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की. उसने 15 मार्च, 2021 को खान को मौत की सजा सुनाई और उस पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. कोर्ट ने साफ किया कि 10 लाख रुपये तत्काल शर्मा के परिवार के सदस्यों को दिये जाने चाहिए.


इसके बाद खान को सुनाई गयी मौत की सजा के मामले को पुष्टि के लिए हाई कोर्ट में भेजा गया. जब कोई निचली अदालत किसी व्यक्ति को मृत्यु की सजा सुनाती है तो हाई कोर्ट फैसले का अध्ययन करता है. अपराधी को फांसी देने से पहले सजा की पुष्टि उसे करनी होती है. 


इनपुट भाषा से भी. 


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