नई दिल्ली: कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई के संकल्प को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के मुताबिक लोग किस प्रकार आज रात 9 बजे बिजली की रौशनी बन्द कर अपने घर की बालकनी में 9 मिनट तक दिया, टॉर्च जला कर रोशनी करते हैं इसका इंतजार हो रहा है. उससे ठीक पहले कांग्रेस ने सरकार से कोरोना के खिलाफ लड़ाई से जुड़े 9 सवाल पूछे हैं. कांग्रेस ने कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने की मांग भी की है. हालांकि कांग्रेस ने साफ किया है कि ये सवाल देश की जनता के हित में हैं, सरकार की आलोचना में नहीं. कांग्रेस ने फिर से कहा है कि कोरोना की लड़ाई में हम सरकार के साथ हैं और हम दिया भी जलाएंगे.


कोरोना महामारी से लड़ते देशभर के डॉक्टर, नर्स, एम्बुलेंस कर्मचारी जैसे स्वास्थकर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट ( पीपीई) यानी सुरक्षा उपकरणों की कमी का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस ने सरकार ने सवाल पूछा है कि पीपीई की आपूर्ति कब तक की जाएगी? कांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने चिंता जताते हुए कहा कि अब तक 50 डॉक्टर और नर्स कोरोना से संक्रमित हुए हैं. सोशल मीडिया पर रेनकोट, हेलमेट पहने डॉक्टर, नर्सों की तस्वीरें आ रही हैं. कांग्रेस ने मांग की है कि देश भर में 62 लाख पीपीई किट की जरूरत है.


इससे पहले पीपीई किट की कमी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी रविवार को ट्वीट के जरिए कहा कि "कई जगहों से सुरक्षा किट की कमी की खबरें आ रही है. हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन, सफाईकर्मी कोरोना के खिलाफ जंग में योद्धा हैं जो जान की बाजी लगाकर काम कर रहे हैं. इनकी मदद करना, इन्हें और इनके परिवारों को सुरक्षित रखना, हर ढंग से हिमायत करना-हम सबका फर्ज है."


कांग्रेस ने सरकार से पीपीई किट के अलावा कोरोना टेस्टिंग किट को लेकर पूछे 9 सवाल ....


कांग्रेस ने पूछा है कि 27 फरवरी को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कह दिया था कि पीपीई की कमी होने वाली है. लेकिन 24 मार्च तक केंद्र सरकार ने पीपीई को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किया. ये देरी क्यों हुई? इसके अलावा पीपीई किट्स की टेस्टिंग/अप्रूवल के लिए कितनी एजेंसी तय की गई है?


कोरोना की टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की मांग दोहराते हुए कांग्रेस ने कहा पूछा है कि इसकी संख्या कब बढ़ेगी?


कांग्रेस ने मांग की है कि कोरोना की जांच निःशुल्क हो. कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए कोरोना टेस्टिंग किट्स को अप्रूव करने वाली एजेंसी की संख्या बढ़ाई जाए. साथ ही टेस्टिंग प्रोटोकॉल के नियम लचीले किए जाएं.


कांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा कि कोरोना के मरीज को सबसे पहले सांस की तकलीफ होती है. देश में केवल 40 हजार वेंटिलेटर है उनमें से भी आधे ठीक से काम नहीं करते. वेंटिलेटर चलाने के लिए टेक्नीशियन की भी जरूरत है. इसके मद्देनजर कोरोना महामारी के बीच सरकार वेंटिलेटर और टेक्नीशियन की संख्या बढ़ाने के लिए क्या कर रही है?


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