Batukeshwar Dutt Birthday: देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त की आज 112वीं जयंती है. शहीद आजम भगत सिंह के करीबी साथी रहे बटुकेश्वर का जीवन संघर्ष से भरा रहा है. साल 1910 में आज ही के दिन बंगाल के पूर्व वर्धमान के खंडागोश गांव में उनका जन्म हुआ था. बटुकेश्वर बंगाली कायस्थ परिवार से थे. बुटकेश्वर उन क्रांतिकारियों में से हैं जिन्होंने आजादी की सुबह देखी है.


बुटेकश्वर कानपुर शहर में थे जब उन्होंने एक अंग्रेज को एक बच्चे को पीटते देखा था. ये बच्चा उस मॉल रोड पर चल रहा था जहां भारतीयों के चलने पर प्रतिबंध था जिस कारण एक अंग्रेज उसको मार रहा था. इस घटना को देख बटुकेश्वर के मन पर काफी प्रभाव पड़ा जिसके बाद उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ अपनी आवाज उठाना शुरू किया. उस दौरान वो हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन नाम के क्रांतिकारी संगठन के सदस्यों से मिले और भगत सिंह के साथ मिलकर उस संगठन का हिस्सा बने. 


असेंबली में फेंका था बम


इस संगठन का हिस्सा बनने के बाद बहुत ही कम वक्त में बटुकेश्वर चंद्रशेखर आजाद के प्रिय साथी बन गए थे. हालांकि उनकी गहरी दोस्ती भगत सिंह के साथ थी. क्रांतिकारी बनने के बाद बटुकेश्वर ने बम बनाने की ट्रेनिंग ली और असेंबली में बम फेंकने के कार्य का हिस्सा बने. 8 अप्रैल 1929 को असेंबली में बम फेंके जानी की घटना के बाद बटुकेश्वर भी गिरफ्तार हुए थे.


नहीं मिला सम्मान...


बटुकेश्वर एक भावुक व्यक्ति बताये जाते थे. दावा किया जाता है कि आजादी के बाद काफी  समय तक उन्हें आजीविका के लिए संघर्ष तक करना पड़ा था. इस विषय पर काफी बहस भी होती रही है कि आखिर उन्हें क्यों वो सम्मान नहीं मिला जिसके वो हकदार थे. हालांकि, जब उन्हें सरकार की ओर से थोड़ी तवज्जो मिलने लगी तो उनका निधन हो गया.


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