नई दिल्ली: दिल्ली के बवाना में आज विधानसभा का उपचुनाव है. इस सीट पर ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. ये सीट आम पार्टी के विधायक रहे वेदप्रकाश के बीजेपी में चले जाने के बाद खाली हुई है. बीजेपी की ओर से वेदप्रकाश ही उम्मीदवार हैं.


क्यों कराना पड़ रहा है दोबारा चुनाव?


इस चुनाव में बीजेपी की ओर से वेदप्रकाश, आम आदमी पार्टी की ओर से रामचंद्र और कांग्रेस की ओर से सुरेंद्र कुमार मैदान में हैं. उपचुनाव में इन्हीं तीनों के बीच कांटे की टक्कर है. बीजेपी के उम्मीदवार वेदप्रकाश कभी आम आदमी पार्टी से विधायक थे, लेकिन पार्टी से इस्तीफा देकर उन्होंने कमल पकड़ लिया, जिसकी वजह से यहां दोबारा चुनाव कराना पड़ा.


साल 2015 में आप को यहां एकतरफा जीत मिली


बाहरी दिल्ली में आने वाला बवाना एक सुरक्षित सीट है. इसके ज्यादातर इलाके ग्रामीण हैं. समीकरण के लिहाज से ये सीट कभी कांग्रेस का गढ़ थी, लेकिन 2013 में आप की वजह से वोट बंटने के कारण सीट बीजेपी के पास चली गई. 2015 में केजरीवाल की लहर में आप को यहां एकतरफा जीत मिली और उसके उम्मीदवार को एक लाख से ज्यादा वोट मिले.


क्यों अहम है बवाना उपचुनाव ?


दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद ये उपचुनाव आम आदमी पार्टी के लिए कड़ी परीक्षा है, जबकि कांग्रेस के लिए नींव तलाशने के लिए एक और मौका है. राजौरी विधानसभा उपचुनाव जीत चुकी बीजेपी ने जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया है.


गोवा के पणजी में भी उपचुनाव


दिल्ली के अलावा पणजी विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव है. यहां से गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर चुनाव मैदान में है. मार्च में पर्रिकर ने रक्षा मंत्री का पद छोड़कर गोवा का मुख्यमंत्री पद संभाला था. गोवा के वालपेई और आंध्र प्रदेश के नंदयाल सीट पर भी विधानसभा का उपचुनाव है. चारों सीटों के नतीजे 28 अगस्त को आएंगे.