BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर बवाल, हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट, कहा- छात्रों ने नहीं ली थी परमीशन
Delhi के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भी छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में बिजली और इंटरनेट का कनेक्शन ही काट दिया.
PM Modi BBC Documentary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) बनाई है. इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. बीते दिनों हैदराबाद यूनिवर्सिटी (Hyderabad University) में एक छात्र समूह ने इसकी स्क्रीनिंग रखी थी, जिसपर खूब बवाल हुआ. वहीं अब विश्वविद्यालय ने अधिकारियों से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार देवेश निगम ने कहा कि खुद को 'फ्रेटरनिटी मूवमेंट' कहने वाले छात्रों के समूह ने नॉर्थ कैंपस के एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में बिना अनुमति के बीबीसी की फिल्म 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' दिखाई.
रजिस्ट्रार ने कहा, "सूचना मिलने पर सुरक्षा दल और डीन, स्टूडेंट वेलफेयर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और आयोजकों से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रोकने का अनुरोध किया. हालांकि, आयोजकों ने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया और कुछ छात्रों की उपस्थिति में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग जारी रखी."
'छात्रों ने किया विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन'
देवेश निगम ने कहा कि छात्रों ने स्क्रीनिंग से पहले अनुमति नहीं लेकर विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और परिसर शांत और शांतिपूर्ण है. रजिस्ट्रार ने आगे कहा, "विश्वविद्यालय ने आगे की आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कार्यक्रम पर रिपोर्ट मांगी है."
JNU में भी हुआ बवाल
बता दें कि दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भी छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में बिजली और इंटरनेट का कनेक्शन ही काट दिया. हालांकि, जेएनयू प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, "विश्वविद्यालय में बिजली आपूर्ति लाइन में गंभीर खराबी आ गई है. हम इसकी जांच कर रहे हैं. इंजीनियरिंग विभाग कह रहा है कि इसे जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा."
भारत सरकार ने जताई आपत्ति
गौरतलब है कि सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक डॉक्यूमेंट्री के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. विदेश मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री को एक दुष्प्रचार का हथकंडा बताते हुए खारिज कर दिया है. सरकार का कहना है कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है और यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है.
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