BBC Documentry Case: दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने शुक्रवार (7 जुलाई) को 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी), विकिमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव्स को समन जारी किया है. बीजेपी नेता ने इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि डॉक्यूमेंट्री पब्लिश होने पर रोक लगाई जाए, जिसका संबंध पीएम मोदी, आरएसएस से है. 


रोहिणी अदालत की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रुचिका सिंगला ने बीजेपी नेता बिनय कुमार सिंह की ओर से दायर मुकदमे में कहा कि बीबीसी, विकिमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव्स विदेशी संस्थाए हैं. उन्होंने कहा कि समन दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होना चाहिए. यह निर्देश दिया जाता है कि सात दिनों के अंदर पीएफ दाखिल करने पर तीनों कंपनियों को नए सिरे से समन जारी किया जाए.


कोर्ट ने आगे कहा कि हेग कन्वेंशन के तहत और भारत सरकार की ओर से तैयार किए गए नियमों के मुताबिक, विदेशों में समन केवल कानूनी मामलों के विभाग, कानून मंत्रालय के माध्यम से ही प्रभावी किए जा सकते हैं, जो कि वर्तमान मामले में निश्चित रूप से नहीं किया गया है. 


क्या है पूरा मामला


दरअसल, बीजेपी पदाधिकारी बिनय कुमार सिंह की ओर से मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें तीन संगठनों, बीबीसी, विकिमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव्स को 2002 के गुजरात दंगों पर प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को पब्लिश करने से रोकने की मांग की गई थी. अदालत ने 26 मई को हेग कन्वेंशन के अनुसार, बीबीसी और अन्य को लेकर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रुचिका सिंगला ने एक नया समन जारी करते हुए मामले को 18 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. 


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