BBC Documentary: राजनाथ सिंह के दौरे से पहले विश्वभारती यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने का एलान, बीजेपी ने कहा- इंसल्ट
BBC Documentary: राजनाथ सिंह के दौरे से पहले छात्रों के एक गुट ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित करने की घोषणा की है. बीजेपी ने इसे अपमान बताया है.
BBC Documentary Row: पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में छात्रों के एक वर्ग ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के पहले बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन दिखाने का एलान किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार (24 फरवरी) को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने वाले हैं.
छात्रों के एक गुट ने घोषणा की है कि राजनाथ सिंह के दौरे से पहले गुरुवार शाम को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार गुरुवार (23 फरवरी) शाम को बोलपुर-शांति निकेतन में पहुंचेगे. यहां दोनों शुक्रवार (24 फरवरी) सुबह दीक्षांत समारोह समेत विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.
पुलिस ने नहीं दी है अनुमति
बोलपुर पुलिस ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं दी है, लेकिन छात्र संगठन डीएसए ने स्क्रीनिंग के लिए अभी से अभियान शुरू कर दिया है. पुलिस ने डीएसए के सदस्यों को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं करने की चेतावनी दी है.
छात्र संगठन के मुताबिक गुरुवार शाम 6 बजे विश्वभारती परिसर के अंदर रतनपल्ली निमतला घाट में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने का फैसला किया. इस जगह से कुछ ही दूरी पर स्थित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होना है, जिसमें राजनाथ सिंह टैगोर की संगीतमय प्रस्तुति भानु सिंघेर पदावली देखने वाले हैं.
डीएसए ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ मौन विरोध है. उन्होंने राजनाथ सिंह के विश्वभारती पहुंचने की खबर के बाद इसका फैसला किया गया.
बीजेपी ने बताया अपमान
बीजेपी ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के प्रस्तावित कार्यक्रम की आलोचना की है और इसे केंद्रीय रक्षा मंत्री का अपमान बताया है. बीजेपी के बीरभूम जिले के अध्यक्ष ध्रुबा साहा ने कहा कि माओवादी संगठन से जुड़े एक छात्र संगठन के एक सदस्य ने रक्षा मंत्री की यात्रा के समय जानबूझकर इस स्क्रीनिंग की योजना बनाई थी ताकि उनका अपमान किया जा सके.
साहा ने दावा किया, इन नकली वामपंथियों ने नई दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भीतर डॉक्यूमेंट्री को लेकर इसी तरह का हंगामा करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भारत के लोग इन पर भरोसा नहीं करते हैं और वे लोगों से पूरी तरह से अलग-थलग हैं.