ग्लव्स विवाद: धोनी के समर्थन में BCCI और खेल जगत, ICC को लिखी चिट्ठी
टीम इंडिया के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर भारतीय सेना के बलिदान बैज को लेकर आईसीसी की आपत्ति पर बहस तेज हो गई है. अब बीसीसीआई ने धोनी का समर्थन किया है.
नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 'बलिदान बैज विवाद' मामले में अब बीसीसीआई का समर्थन मिला है. बीसीसीआई ने कहा है कि इसे फिलहाल हटाने की कोई जरूरत नहीं है. बीसीसीआई ने आईसीसी को खत लिखकर इजाजत मांगी है. ICC ने धोनी के बैज पर सवाल उठाया था.
दरअसल भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए विश्वकप के मुकाबले में धोनी ने जो दस्ताने पहने से उसपर 'बलिदान बैज' बना था. इसपर आईसीसी ने बीसीसीआई से अपील की कि वह धोनी को इसे हटाने के लिए कहे.
इसके बाद से ही इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई. आम लोगों से लेकर क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने धोनी का समर्थन किया. बीसीसीआई की प्रशासनिक समिति के मुखिया विनोद राय ने कहा, ''हम अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं.राय ने कहा कि उनके दस्ताने पर जो निशान है, वह किसी धर्म का प्रतीक नहीं है और न ही यह कमर्शियल है. उन्होंने कहा कि जहां तक पहले से परमिशन लेने की बात है तो हम इसके लिए आईसीसी से धोनी को दस्तानों के इस्तेमाल को लेकर अपील करें.'' इसके बाद तय हुआ कि बीसीसीआई की मुंबई स्थिति मुख्यालय में दोपहर 12 बजे आज बैठक होगी, जिसमें इस पर चर्चा की जाएगी और अब बीसीसीआई ने धोनी का समर्थन किया है.
पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि हमें धोनी पर गर्व है और उन्हें सेना के बलिदान बैज वाले दस्तानों को पहनना जारी रखना चाहिए. उनके अलावा पहलवान सुशील कुमार ने भी समर्थन किया है.
सेना का बयान
वहीं इस पूरे मामले पर सेना का बयान आ गया है. सेना की तरफ से कहा गया है कि हम इसपर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि पैरा एसएफ बैज मैरून रंग पर होता है और जिसपर 'बलिदान' लिखा होता है. इसलिए ये कहना कि धोनी ने 'बलिदान' बैज लगा रखा था, गलत है. धोनी के बैज को पैरा-एसएफ बैज नहीं कहा जा सकता.
पाकिस्तानी मंत्री का बयान
पाकिस्तान सरकार में विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फवाद हुसैन को एमएस धोनी के विकेट कीपिंग के दौरान ग्लब्स पर बलिदान चिन्ह लगाने से मिर्ची लग गई है. पाकिस्तानी मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "धोनी इंग्लैंड क्रिकेट खेलने गए हैं न कि महाभारत. भारतीय मीडिया पर जंग का इतना खुमार चढ़ा हुआ है कि इन्हें सीरिया, अफगानिस्तान और रवांडा में लड़ने के लिए भेज देना चाहिए."
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