Politics On BCCI President Election: बीसीसीआई अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है. टीएमसी (TMC) ने बीजेपी (BJP) पर हमला बोला है. टीएमसी का कहना है कि बीजेपी सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने बीजेपी को घेरते हुए कहा है कि भगवा पार्टी पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को अपमानित करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वो उन्हें पार्टी में शामिल कराने में विफल रही है. टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष (Kunal Ghosh) का आरोप है कि बीजेपी सौरव गांगुली को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी ने आरोपों को निराधार बताया है.
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि बीजेपी ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच ये संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि प्रदेश में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे और यह राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण है कि गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई (BCCI) के सचिव के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए जारी रह सकते हैं, लेकिन गांगुली इसके अध्यक्ष के रूप में ऐसा नहीं कर सकते.
गांगुली अध्यक्ष क्यों नहीं बने रह सकते?
गांगुली को समर्थन देते हुए टीएमसी के राज्यसभा सांसद डॉ शांतनु सेन ने आश्चर्य जताया कि बीसीसीआई अध्यक्ष को दूसरा कार्यकाल क्यों नहीं मिलेगा. उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण बताते हुए कहा कि अमित शाह के बेटे को BCCI के सचिव के रूप में बरकरार रखा जा सकता है, लेकिन सौरव गांगुली अध्यक्ष बने नहीं रह सकते हैं.
बीजेपी ने आरोपों को बताया निराधार
उधर, बीजेपी (BJP) ने इसे निराधार बताते हुए टीएमसी (TMC) के आरोपों को खारिज कर दिया. भगवा पार्टी का कहना है कि बीजेपी ने कभी भी सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं की. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने इसे निराधार करार दिया. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि बीजेपी ने सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कब की? सौरव गांगुली एक क्रिकेट के दिग्गज हैं. कुछ लोग अब बीसीसीआई (BCCI) में बदलाव के बारे में घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.
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