नई दिल्ली: नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के ख़िलाफ पूरा विपक्ष एकजुट होकर विरोध कर रहा है. दिल्ली के शाहीन बाग़ में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर भी राजनीति तेज़ हो गई है. आज से शुरू हुए संसद सत्र में नागरिकता कानून और एनआरसी पर विपक्ष का रुख़ क्या रहने वाला है इसकी बानगी पहले दिन ही देखने को मिल गई, जब राष्ट्रपति के भाषण के दौरान इस मुद्दे का ज़िक्र होने पर टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया. इसी को भांपते हुए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्ष के वार पर पलटवार करने के लिए एनडीए के सहयोगियों को कमर कसने की नसीहत दी है. मोदी ने सहयोगियों से इस मसले पर रक्षात्मक नहीं बल्कि फ्रंट फुट पर विपक्ष का सामना करने को कहा है. एनडीए के सहयोगियों को पीएम ने कहा कि नागरिकता कानून पर हमने कुछ गलत नहीं किया है लिहाज़ा इसे खुलकर लोगों के पास ले जाना चाहिए.


मुसलमानों का भी समान हक़- पीएम


सहयोगी दलों की आशंकाओं को दूर करते हुए पीएम ने दोहराया कि कानून में किसी की नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का प्रावधान है. मोदी ने कहा कि मुसलमान भी देश के उतने ही नगरिक हैं जितने बाक़ी धर्मों के लोग हैं लिहाज़ा उनका भी उतना ही हक़ देश पर बनता है. पीएम ने ये भी जोड़ा कि मुसलमानों का हक़ और कर्तव्य भी अन्य नागरिकों जितना ही है.


पीएम के साथ मज़बूती से खड़ा एनडीए


संसद सत्र की शुरुआत से पहले आज एनडीए की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और एनडीए के अन्य सहयोगी मौजूद थे. बैठक में रामविलास पासवान ने एक प्रस्ताव रखा जिसे पारित किया गया. प्रस्ताव में एनडीए की एकजुटता पर प्रतिबद्धता दिखाते हुए पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया गया. प्रस्ताव में कहा गया कि चाहे नागरिकता कानून हो या फिर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने का मामला, चाहे करतारपुर कॉरिडोर हो या पूर्वोत्तर राज्यों में बोडो समझौता जैसा मसला हो, पूरा एनडीए मज़बूती के साथ पीएम के साथ खड़ा है. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर के ताज़ा हालात पर एनडीए सहयोगियों को जानकारी दी.


जेडीयू ने एनपीआर फॉर्म में बदलाव की मांग की


बैठक में जेडीयू की ओर से मौजूद लोकसभा सांसद ललन सिंह ने सरकार से एनपीआर के प्रारूप में बदलाव की पार्टी की मांग फिर दोहराई. ललन सिंह ने एनपीआर के लिए इस्तेमाल होने वाले फॉर्म में माता-पिता के जन्मस्थान और जन्मतिथि के कॉलम को हटाने की मांग की. हालांकि रामविलास पासवान ने जानकारी दी कि माता-पिता से जुड़ी जानकारी देना अब अनिवार्य नहीं रहेगा और इसे वैकल्पिक बना दिया गया है.


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