नई दिल्ली: एलओसी पर भले ही पिछले तीन महीने से शांति है लेकिन भारतीय सेना को पूरी तरह अलर्ट रहने की जरूरत है. ये कहना है थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे का जो दो दिवसीय दौरे पर कश्मीर गए थे. दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच हुए शांति समझौते के 100 दिन पूरे हो रहे हैं. शांति समझौते के दौरान एलओसी और कश्मीर घाटी में हालात की समीक्षा करने के लिए ही थलसेनाध्यक्ष कश्मीर घाटी के दौरे पर गए थे.


गुरूवार को थलसेना प्रमुख जनरल नरवणे लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) की फॉरवर्ड लोकेशन पर गए और सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को जायजा लिया. जनरल नरवणे के साथ उत्तरी कमान के कमांडर इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और श्रीनगर स्थित चिनार कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे भी मौजूद थे.


एलओसी के दौरे के दौरान स्थानीय कमांडर्स ने सेनाध्यक्ष को आतंकियों की घुसपैठ रोकने और सुरक्षा इंतजामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने सैनिकों से मुलाकात की और उन्हें एलओसी और कश्मीर घाटी में शांति बनाए रखने के लिए बधाई दी. जनरल नरवणे ने सैनिकों को किसी भी इमरजेंसी सुरक्षा हालात से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा.




जनरल नरवणे ने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल से मुलाकात की


आपको बता दें कि इसी साल 25 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ ने एलओसी को लेकर युद्धविराम समझौता किया था जिसके बाद से ही नियंत्रण रेखा पर शांति कायम है. पाकिस्तान की तरफ से पिछले 100 दिनों में कोई युद्धविराम उल्लंघन, फायरिंग या गोलाबारी की घटना सामने नहीं आई है. हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जरूर एक दो छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं.


इससे पहले बुधवार को थलसेना प्रमुख ने कश्मीर घाटी के दौरे के दौरान आरआर यूनिट्स का दौरा किया और स्थानीय आतंकियों के साथ साथ ओजीडब्लू यानि ओवरग्राउंड वर्कर्स और कट्टरपंथी विचारधारा वाले संदिग्धों की पहचान कर काबू करने का आदेश दिया. सेना प्रमुख ने स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में रिक्रूटमेंट रोकने और आतंकियों के सरेंडर पर जोर दिया. बुधवार की शाम को जनरल नरवणे ने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर कश्मीर घाटी में स्थायी अमन-चैन लाने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.


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