नई दिल्ली: क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहें लोगों के साथ अक्सर धोखा होते देखा गया है. अगर आप के पास इस वक्त एसबीआई का क्रेडिट या डेबिट कार्ड है तो आपको सावधान होने की जरूरत है. दरअसल साइबर ठग "रिवार्ड प्वाइंट रिडेम्पशन" के नाम पर आपको चुना लगाने की कोशिश कर रहे है. ऐसे किसी फ्राड कॉल से बचने के लिए एसबीआई ने एसएमएस के जरिए अपने ग्राहकों को सावधान होने के लिए कहा है. उन्होंने अपने एसएमएस में ग्राहकों को बताया कि 1800 या 1860 से शुरू होने वाले नंबर से कॉल आये तो ग्राहक अपनी क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी शेयर ना करें.


एसबीआई ने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस से संबधित ई-मेल सा सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब देने से बचे. ट्वीट करते कहा कि वो पहले सुनिश्चित करेंगे कि आप जानकारी के स्नोत और विश्वसनीयता की जांच करें, साथ ही किसी के साथ कोई व्यक्तिगत या वित्तीय विवरण साझा ना करें.


बताया जा रहा है कि EMI रुकवाने के नाम पर साइबर ठग सक्रीय है, आपसे की गई एक छोटी सी भूल आपका सारा जमा पूंजी ठग अपने हाथ ले सकते है. ऐसे ठगों से बचने के लिए एसबीआई ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है. एसबीआई का कहना है कि साइबर ठगों से बचने का तरीका केवल सतर्क रहना और जागरूक रहना है.


कुछ इस तरह हो सकती है ठगी


साइबर ठग आप को बैंक के प्रतिनिधि के रूप में कॉल कर सकता है. और आपको RBI के घोषित ईएमआई अधिस्थगन का लाभ उठाने के तरीके से अवगत करा आप से जानकारी मांग सकता है.


चालाक ठग आपके शक को दूर करने के लिए आप से पहले आपका नाम, पता, जन्म तिथि जैसे अन्य जानकारी को वैरीफाई कराने को कहेंगे. इसके बाद वो आपको ईएमआई के बारे में विस्तार से बतायेगा. साथ ही उससे जु़ड़ी नियम और शर्तों से भी अवगत करायेगा ताकि आपको कोई शक ना हो सके.


साइबर ठग फिर आपको ऑनलाइन फॉर्म भेजने की बात करेगा, जिस फॉर्म में आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी भरने को कहा जाएगा. नंबर, सीवीवी. और जब आपके फॉर्म जमा करने के बाद आप के फोन पर ओटीपी आयेगा, वो आपसे किसी बहाने ओटीपी मांगेगा. और आप के ओटीपी देते ही आप का अकाउंट साफ. इसलिए हमेशा ऐसे लोगों से सतर्क रहें.