अब रफ्तार पर लगेगी लगाम, कैमरे में कैद होगी हर मूवमेंट, एक्सप्रेसवे पर हो जाइए सावधान
नए सिस्टम का उद्देश्य ना सिर्फ आपकी रफ्तार को सीमित करना है बल्कि हादसे के वक्त मदद पहुंचाने का भी है. रोड एक्सीडेंट किसी महामारी से कम नहीं है.
नई दिल्ली: अगर आप दिल्ली से सटे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर हैं और गलत लेन में गाड़ी चला रहे है या ओवर स्पीडिंग कर रहे है तो सावधान हो जाइए. आप पर हर वक्त नजर है. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पूरी तरह कैमरे से लैस हो चुका है. ये कैमरे आधे किलोमीटर तक की हाई रिजोल्यूशन तस्वीर ले सकते हैं. गलत एंट्री और एग्जिट पर वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम में डिडेक्ट हो जाता है. इन सभी गतिविधियों पर कंट्रोल रुम के जरिए हर पल नजर रखी जाती है.
145 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे पर अब नेशनल हाईवे अथोरिटी ऑफ इंडिया की नजर है, जिसके लिए 143 ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरा सिस्टम, 28 वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम, 18 व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम और 18 ट्रैफिक ऑटोमैटिक काउंटर लगाए गए हैं.
नए सिस्टम का उद्देश्य हादसे के वक्त मदद पहुंचाने का भी
इसी तरह अगर कोई गाड़ी तय स्पीड से तेजी से गुजरती है तो व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम कैमरा गाड़ी की तस्वीर लेकर नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर के पास चालान के लिए भेज देता है. नए सिस्टम का उद्देश्य ना सिर्फ आपकी रफ्तार को सीमित करना है बल्कि हादसे के वक्त मदद पहुंचाने का भी है क्योंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में नेशनल हाईवे पर कुल 1 लाख 28 हजार 602 हादसे हुए हैं. 53 हजार 213 लोगों ने हादसे में अपनी जान गंवाई है.
रोड एक्सीडेंट किसी महामारी से कम नहीं जिससे हर साल लाखों मानव शक्ति की हानि होती है. सावधानी बरतकर और तकनीक का प्रयोग कर इस क्षति को कम किया जा सकता है.
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