क्या आपको पता है हिन्दी शब्द कहां से आया है. अगर नहीं तो आपको बता दें हिन्दी मूलतः 'फारसी' भाषा का शब्द है. हिन्दी' का अर्थ है हिंद से संबंधित...अब आप ही कहिए जब कोई कहेगा कि मैं हिन्दी के अलावा कोई अन्य भाषा नहीं बोलता तो उसके वाक्य का पहला ही शब्द किसी और भाषा का होता है. इतना ही नहीं हमारे द्वारा रोज बोली जाने वाली भाषा का आज कोई एक निश्चित स्वरूप हो ही नहीं सकता. ये मिली जुली भाषा ही रहेगी..अब आप ही बताइए बदतमीज़, वक़्त, इंतज़ार, ज़िंदगी, कोशिश, किताब जैसे शब्द आप दिन में सैंकड़ों बार हिन्दी समझ कर बोलते होंगे लेकिन हैं सभी उर्दू के लफ्ज़.


हम जिस भाषा का इस्तेमाल हम कर रहे हैं, वह उर्दू और हिन्दी का मिला-जुला रूप है. दो सौ साल पहले इसी  भाषा को हिन्दुस्तानी कहा जाता था.


हालांकि उर्दू के बिना हिन्दी और हिन्दी के बिना उर्दू बोली ही नहीं जा सकती, लेकिन ये मुद्दा कई बार सामने आ जाता है कि उर्दू अब गुजरे ज़माने की भाषा हो चुकी है. ताजा मामला दिल्ली पुलिस से जुड़ा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के साथ 383 शब्दों की सूची भी संलग्न की गई है, जिन्हें हिंदी और अंग्रेजी के सरल शब्दों में तब्दील करना है. ये बदलाव जनहित याचिका के चलते किया जा रहा है. दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा का कहना है कि उर्दू के कई शब्द लोगों को समझ नहीं आते इसलिए एफआईआर में उर्दू/फ़ारसी के कुछ शब्दों को अंग्रेजी के शब्दों से बदल दिया जाएगा.


ऐसे में आप भी सोच रहे होंगे कि कौन से ऐसे शब्द हैं जो पुलिस स्टेशन में FIR लिखते समय इस्तेमाल की जाती है. क्या वो वाकयी मुश्किल है? आइए आपको बताते हैं..


1-रोजनामचा


- रिकॉर्ड दर्ज करने वाली छोटी सी कॉपी


2- बजर्ग कायमी मौका


जैसा है वैसा ही दृश्य


3-अरसाल


भेजना


4- दीगर नकुलात


अन्य कॉपी या डुप्लिकेट कॉपी


5- बदस्त आरिन्दा


इस पुलिसवाले के हाथों से


6- तहरीर की मौसूलगी


कंप्लेंट रिसीव होना


7-जय वकुआ


घटना की जगह


8-तारीख वकुआ


घटना की तारीख


9- सरेदस्त सूरत


प्रथम दृष्टया


10- इत्तला


जानकारी


11- मुसम्मी


कानूनी दस्तावेज


12- मजरूब


नुकसान या चोट


13-गफलत


लापरवाह


14- तफ्तीश


जांच


15-जुर्म


अपराध


16-तहरीर
किसी विषय के संबंध में लिखी बातें


17-हिफाजत 


सुरक्षा


18-फरमाया


आदेश देना


19- बयान


स्टेटमेंट


पुलिस थाना के अलावा राजस्व और न्यायालयों के कामकाज की भाषा में भी उर्दू के कई शब्द इस्तेमाल होते हैं, जिन्हें समझने में कई लोगों को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.


रकबा- क्षेत्रफल
सकू नत- निवास
हलफनामा- शपथपत्र
बैनामा- विक्रय पत्र
इकरारनामा- सहमति अनुबंध
तरमीम- बदल देना या सुधार देना
बनाम- के नाम
वल्दियत - पिता का नाम
जोजे- पत्नी
बयशुदा- खरीदी
काबिज- कब्जा
दीगर- अन्य
वारिसान- उत्तराधिकारी
फौत- मौत
रहन- गिरवी
बख्शीश- उपहार या दान
साकिन- निवासी
बैय- जमीन बेचना
हदूद- सीमाएं
मिनजानिब- की ओर से
बदस्तूर- हमेशा की तरह
हाल- वर्तमान
खुर्द- छोटा
कलां- बड़ा
शजरा परचा- कपड़े पर बना खेतों का मानचित्र
शजरा किस्तवार- ट्रेसिंग पेपर पर बना हुआ खेतों का मानचित्र
शजरा नसब- भूमिदारों की वंशावली
मिनजुमला- मिला-जुला भाग
बेवा- विधवा
वल्द- पिता
दुख्तर- सुपुत्री
कौमियत- जाति
मुतवल्ली- मुस्लिम धार्मिक संपत्ति का कर्ता
काश्तकार - भूमि जोतने वाला, किसान
शामिलात- साझी भूमि
मुंद्रजा- पूर्वलिखित या उपरोक्त
मजकूर- चालू
राहिन- गिरवी देने वाला
मुर्तहिन- गिरवी लेने वाला
बाया- भूमि बेचने वाला
मुस्तरी- भूमि खरीदने वाला
वाहिब- उपहार देने वाला
मौहबइला- उपहार लेने वाला