मुंबई में बीएमसी चुनावों से पहले हिंदी पट्टी के वोटरों को लामबंद करने के लिए हिंदी पट्टी से जुड़े हुए मुंबई की राजनीति में सक्रिय नेताओं ने परिश्रम नाम का बैनर बनाया है. कभी कांग्रेस से रहें और महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहे कृपाशंकर सिंह ने आज परिश्रम बैनर के तहत मुंबई के कलिना इलाका में रहने वाले हिंदी भाषियों से संपर्क किया और संगठन के लिए चंदा इकट्ठा किया.


एक लाख उत्तर भारतीयों को अपने बैनर के साथ जोड़ेंगे- पूर्व मंत्री


उन्होंने इस बात का ऐलान किया कि अगला मेयर मुंबई का उत्तर भारतीय ही तय करेंगे. पहली बार जिस विधानसभा सीट से कृपाशंकर सिंह महाराष्ट्र की विधानसभा पहुंचे थे उस कलीना इलाके में आज अपने परिश्रम बैनर के तहत जनसंपर्क अभियान कृपाशंकर सिंह ने शुरू किया है. पूर्व मंत्री ने दावा किया है कि तकरीबन एक लाख उत्तर भारतीयों को अपने बैनर के साथ जोड़ेंगे जिस प्रक्रिया में लोगों से जन संपर्क करके उनसे चंदा लेंगे मुंबई एमएमआरडीए पालघर से लेकर हर जगह जाकर लोगों को साथ में जुड़ेंगे और यह बात सुनिश्चित करेंगे कि इस बार मुंबई का मेयर उत्तर भारतीयों के वोट पर चुना जाए.


उन्होंने कहा, "उत्तर भारतीयों को किराएदार के तौर पर ना माना जाए बल्कि भागीदार के तौर पर माना जाए. मुंबई का महापौर उत्तर भारतीय ऐसा नहीं है. हां पर फैसला उत्तर भारतीय करें यह परिश्रम संगठन चाहता है." परिश्रम संगठन में तमाम राजनीतिक दलों के नेता जुड़े हुए हैं जो उत्तर भारतीयों की एक संगठित आवाज बनाना चाहते हैं.


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