मॉस्को में विदेश मंत्रियों की मुलाकात से पहले पैंगोंग में भारत-चीन सैनिकों के बीच चली थी 100-200 गोलियां
भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. अब पैंगोंग-त्सो लेक से जुड़ा नया खुलासा हुआ है.
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नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच बातचीत का दौर जारी है. इस बीच LAC पर फायरिंग को लेकर बड़ी खबर आई है. रिपोर्ट के अनुसार, 10 सितंबर को मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयंशकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की मुलाकात से पहले दोनों देशों के सैनिकों के बीच पैंगोंग झील में 100 से 200 राउंड फायरिंग हुई थी. हालांकि ये आमने-सामने की फायरिंग नहीं थी. ये हवाई फायरिंग हुई थी.
एक अनुमान के मुताबिक, चीन के करीब 50 हजार सैनिक पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात हैं. भारत ने भी मिरर-डिप्लोयमेंट की है यानि चीन की बराबर 50 हजार सैनिक तैनात किए हैं यहां पर. क्योंकि ब्रिगेडियर स्तर की मीटिंग में कुछ नहीं निकल रहा है इसलिए आने वाले दिनों में कोर कमांडर स्तर की बैठक हो सकती है.
चीन का भारत की 38,000 वर्ग किमी जमीन पर अवैध कब्जा: रक्षा मंत्री केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में कहा था कि चीन ने भारत की 38 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि पर अनिधिकृत कब्जा कर रखा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) स्पष्ट रूप से चित्रित नहीं है और चीन भारत की सीमा से लगे लगभग 90 हजार वर्ग किलोमीटर की जमीन को भी अपनी बताता है. रक्षा मंत्री सिंह ने चीन की एक-एक नापाक करतूतों की जानकारी सदन को दी. उन्होंने कहा कि चीन ने मई और जून में यथास्थिति को बदलने की कोशिश की, मगर भारतीय सेना ने उसके प्रयासों को विफल कर दिया.
मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में चीन ने लगभग 38,000 वर्ग किमी के अवैध कब्जे में है. इसके अलावा, 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान 'सीमा समझौते' के तहत पाकिस्तान ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 5,180 वर्ग किमी भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी. चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र में लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र का दावा किया है.
दोनों देशों ने 1950 और 60 के दशक के दौरान विचार-विमर्श किया था, लेकिन इन प्रयासों से पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान नहीं निकल सका.
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