नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल की बातचीत पर चीन के विदेश मंत्रालय का बयान आया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्षों में इस बात पर सहमति बनी कि हालात को और बिगड़ने नहीं दिया जाए. चीन के विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि दोनों देश सीमा पर शांति और स्थायित्व बनाये रखने के लिए भी सहमत हुए.
भारत और चीन के सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता शनिवार को चुशुल-मोल्डो इलाके में करीब 6 घंटे तक चली थी. इसके बाद भी चीन अप्रैल पूर्व स्थिति में अपने सैनिकों को लौटाने पर राजी नहीं हुआ.
उच्च स्तरीय वार्ता पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर रहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सौहार्द्रपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई. साथ ही दोनों देश सैन्य तनाव की स्थिति को मौजूदा समाधान तंत्र के सहारे सुलझाने पर सहमत हैं. भारत और चीन ने इस बारे में कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रखने का भी बात कही है.
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक साथ कई जगहों पर सामने आई तनाव की स्थिति और लद्दाख में गलवान घाटी और पैंगोंग झील के करीब जारी तनाव को अब करीब एक महीना हो रहा है. दोनों देशों के बीच बीते एक माह के दौरान सिक्किम के नाकुला से लेकर पेंगोग झील और लद्दाख में गलवान घाटी में सैनिकों के बीच झड़प और आमने-सामने के तनाव की स्थिति बनी. गलवान घाटी में अब भी चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने की स्थिति में तंबू लगाए बैठे हैं.