Belagavi Industries: कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच चल रहे क्षेत्रीय विवाद के बीच बेलगावी में उद्योग प्रतिनिधियों ने उनकी शिकायतों का समाधान नहीं होने पर कर्नाटक से महाराष्ट्र और गोवा जाने की धमकी दी है. बेलगावी को मुख्य रूप से कर्नाटक की दूसरी राजधानी के रूप में जाना जाता है. यहां पर बहुत से उद्योग हैं. यहां बड़े पैमाने पर ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स के साथ साथ बुनाई का काम भी होता है.


दक्षिण विधानसभा इलाके में आने वाला बेलगावी एक औद्योगिक क्षेत्र है. इसके बावजूद स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये इलाका बिजली आपूर्ति, पानी, खराब सड़कें और प्रशासनिक कार्यों में देर की से ग्रस्त है. उत्तर कर्नाटक बुनकर मंच के पूर्व अध्यक्ष और बुनकरों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने वाले परशुराम दागे ने कहा कि साल 2004 और 2006 के बीच धर्म सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस जेडीएस सरकार ने कई प्रतिनिधिमंडलों की बैठक के बाद क्षेत्र में विकास कार्य किए हैं.


‘कर्नाटक के बजाए महाराष्ट्र में मिली सुविधाएं’


उन्होंने कहा कि बाद की सरकारों ने हालांकि इसका पालन नहीं किया और 1800 में 1500 बुनकरों की यूनिट (बिजली और हैंडलूम दोनों) बेलगावी से 13 किमी. दूर महाराष्ट्र के शिन्नोली चली गईं. वहां पहुंचने के बाद महाराष्ट्र ने इन लोगों को कर्नाटक की तुलना में बिजली दरों, बैंक लोन और उसकी ब्याज दरों के साथ साथ व्यापार करने के लिए अनकूल माहौल दिया.  


‘सीएम बोम्मई ने दिया 80 करोड़ रुपये देने का आश्वासन’


बेलगावी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने हाल ही में हुई एक बैठक में बेलगावी दक्षिण से बीजेपी विधायक अभय पाटिल को आमंत्रित किया गया. इसमें उन्हें समस्याओं के बारे में बताया और साथ ही गोवा और महाराष्ट्र में प्रवास करने के अपने फैसले को भी रखा. बेलागवी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने औद्योगिक केंद्र के विकास के लिए 80 करोड़ रुपये मंजूर करने का आश्वासन दिया है.


वहीं, बेलगावी फाउंड्री क्लस्टर के अध्यक्ष राम भंडारे ने कहा कि महाराष्ट्र ने कोल्हापुर जिले में बेलगावी के उद्योगपतियों के लिए जमीन आरक्षित की है. उन्होंने कहा, "हम बेलगावी में अपना कारोबार चलाना चाहते हैं, लेकिन हमें सरकार से उचित समाधान नहीं मिल रहा है."


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