पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की पांचवीं बेटी को जमीन दान देने वालों में से एक शख्स को एबीपी न्यूज ने ढूंढ निकाला है. जबकि दूसरा शख्स अब भी लापता है. आपको बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी नाम के दो लोगों ने एक ही दिन लालू की पांचवीं बेटी हेमा यादव को दान में जमीन दी थी.
विधान परिषद में क्लर्क है ललन चौधरी
हृदयानंद चौधरी रेलवे में खलासी के पद पर तैनात है. जबकि ललन चौधरी के बारे में सुशील मोदी ने कहा था कि वो लालू के घर मवेशियों को चारा खिलाता है लेकिन एबीपी न्यूज ने जब पड़ताल की तो ललन चौधरी भी सरकारी कर्मचारी निकला. आपको बता दें कि ललन चौधरी पहले विधान परिषद में चपरासी के पद पर तैनात था और अब उसका प्रमोशन हो गया है वो क्लर्क बन गया है.
रेलवे में खलासी के पद पर है हृदयानंद चौधरी
लालू की बेटी को दान देने वाले दूसरे शख्स का नाम हृदयानंद चौधरी है. हृदयानंद चौधरी रेलवे में खलासी के पद पर है और पटना के राजेंद्र नगर में तैनात है. लेकिन जब से लालू की बेटी को दान में जमीन देने का खुलासा हुआ है तब से हृदयानंद चौधरी लापता है.
रेलवे के खलासी के पास कहां से आया इतना पैसा ?
एबीपी न्यूज़ इस आरोप की पड़ताल करने पटना के राजेंद्रनगर के कोचिंग स्टोर में पंहुचा. एबीपी न्यूज़ के पहुंचने से पहले ही ज़मीन दान में देने वाले हृदयांनद चौधरी आने की भनक लगते ही वहां से रफूचक्कर हो गए. ऐसे में सवाल उठता है रेलवे के खलासी के पास इतना पैसा कहां से आया और उसने जमीन दान में क्यों दी ?
लालू के परिवार की कथित बेनामी संपत्ति का खुलासा
आपको बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इन दिनों आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार की कथित बेनामी संपत्ति को लेकर रोज नए-नए खुलासे कर रहे हैं. अपने खुलासे के क्रम में शनिवार को सुशील मोदी ने फिर लालू के परिवार पर एक और आरोप लगाया था.
लालू की 5वीं बेटी पर बेनामी संपत्ति का आरोप
सुशील मोदी ने इस बार लालू की पांचवीं बेटी हेमा यादव पर 62 लाख रूपए की बेनामी जमीन तोहफे के तौर पर रखने का आरोप लगाया. बीजेपी नेता ने दावा किया था कि ललन चौधरी नामक जिस व्यक्ति ने हेमा को जमीन तोहफे के तौर पर दिया, वह लालू के मवेशियों की देखभाल करता था और उसका नाम बीपीएल सूची में शामिल है.