कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. आठ चरणों में होने वाले इस चुनाव के शुरूआती दो चरणों के लिए बीजेपी ने हर सीट पर चार से पांच उम्मीदवारों के नाम छांटे हैं. ये जानकारी राज्य के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने दी है. आज दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी है. कौन सा उम्मीदवार किस सीट से चुनाव लड़ेगा इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में ही होगा.


60 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम आज हो सकते हैं तय


बैठक में 60 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे. बंगाल में 27 मार्च और एक अप्रैल को क्रमश: पहले और दूसरे चरण के चुनावों में 30-30 सीटों पर चुनाव होने हैं. दूसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नंदीग्राम विधानसभा सीट भी आती है.


बंगाली फिल्म जगत से जुड़े कई लोगों को टिकट दिए जाने की उम्मीद


बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है, “हमें अपनी जिला इकाइयों से पहले दो चरणों के लिए 120-140 नाम प्राप्त हुए हैं. इनके अलावा सैकड़ों और नाम हैं. हमनें 20-25 नाम हर सीट के लिए रखे और उनमें से हर सीट के लिए 4-5 नाम छांटे. कुछ और नाम हटाए जाएंगे और उसके बाद, पार्टी नेतृत्व को अंतिम नाम तय करना है.” प्रदेश बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने हाल में हुई अपनी कोर समिति की बैठक के दौरान कई युवा चेहरों और पेशेवरों को खड़ा करने का फैसला किया है. पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी समेत तृणमूल कांग्रेस से भगवा दल का दामन थामने वाले 19 विधायकों को उनके पुराने विधानसभा क्षेत्रों से ही टिकट दिये जाने के अलावा पार्टी द्वारा बंगाली फिल्म जगत से जुड़े कई लोगों को भी टिकट दिये जाने की उम्मीद है.


खड़गपुर सदर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं घोष


सूत्रों ने कहा कि घोष को खड़गपुर सदर सीट से खड़ा किये जाने की चर्चा है, जिस पर उन्होंने 2016 में जीत हासिल की थी. उन्होंने हालांकि 2019 में गोपीबल्लुपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. बाद में खड़कपुर सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार को टीएमसी उम्मीदवार से शिकस्त झेलनी पड़ी थी. पार्टी हालांकि अभी इस बात को लेकर दुविधा में है कि सुभेंद्रु अधिकारी को नंदीग्राम सीट से खड़ा किया जाए या नहीं. पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से पहले वह इस सीट से विधायक थे.


बंगाल के चुनाव में सत्ताधारी टीएमसी और बीजेपी के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है. बीजेपी साल 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की 42 में से 18 सीटें जीतकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरी थी. राज्य में पिछले कुछ सालों में बीजेपी का प्रभाव बढ़ा है और उसके नेताओं को दावा कि वह ममता बनर्जी के 10 सालों के शासन का इस विधानसभा चुनाव में अंत कर देंगे.


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