पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु द्वारा राज्य में उच्च शिक्षा प्रणाली को बर्बाद करने और विश्वविद्यालयों में कठपुतली शासन चलाने का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने शनिवार (9 सितंबर) को मध्यरात्रि में बड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी. राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल आनंद बोस ने दो गोपनीय सीलबंद पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा कि एक पत्र राज्य सचिवालय नबन्ना और दूसरा केंद्र सरकार के लिए है.
ये पत्र किस संबंध में हैं, इसे लेकर फिलहाल अधिकारी ने कुछ नहीं बताया और कहा कि इसका खुलासा बाद में किया जाएगा. अधिकारी ने कहा, 'राज्यपाल ने आज (शनिवार) रात दो गोपनीय पत्रों पर हस्ताक्षर किए, एक पत्र नबन्ना के लिए है और दूसरा दिल्ली के लिए.'
चिट्ठी को लेकर बाद में होगा खुलासा- अधिकारी
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'आपको पत्रों के विषय के बारे में बाद में पता चलेगा.' अधिकारी ने संकेत दिया कि यह विषय राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच हालिया जुबानी जंग पर हो सकता है. आनंद बोस ने राजभवन में मुख्य सचिव एचके द्विवेदी के साथ विस्तृत बैठक करने के कुछ घंटे बाद पत्रों पर हस्ताक्षर किए. हालांकि, राज्य सरकार या राजभवन ने बैठक के विषय का खुलासा नहीं किया.
आनंद बोस ने कहा था- आधी रात का करें इंतजार
इससे पहले, दिन में बोस ने आधी रात को बहुत बड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी. बोस ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, 'आज आधी रात का इंतजार करें. आप देखेंगे कि कार्रवाई क्या होती है.' कुछ ही मिनटों में शिक्षा मंत्री ब्रत्स बसु ने राज्यपाल का नाम लिए बिना उन्हें शहर में नया वैंपायर कहकर उनका मजाक उड़ाया और लोगों को उनसे सावधान रहने की सलाह दी. बसु ने X (ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, 'आधी रात तक देखें, कार्रवाई देखें. सावधान! सावधान! सावधान! शहर में नया वैंपायर! नागरिकगण कृपया अपना ध्यान रखें. भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षस प्रहार का बेसब्री से इंतजार है!'
कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन में जुबानी जंग
विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन के बीच जारी जुबानी जंग के बीच बसु ने शुक्रवार को राज्यपाल पर राज्य में उच्च शिक्षा प्रणाली को बर्बाद करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (राज्यपाल) पर विश्वविद्यालयों में कठपुतली शासन चलाने और रजिस्ट्रारों को उच्च शिक्षा विभाग के साथ बैठक नहीं करने की धमकी देने का भी आरोप लगाया था. बसु ने कहा, 'माननीय राज्यपाल किसी के अहं की तुष्टि के लिए अपनी इच्छानुसार लोगों को नियुक्त करके कठपुतली शासन चलाना चाहते हैं. वह उच्च शिक्षा प्रणाली को खत्म करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं.'
एजुकेशनिस्ट्स फोरम ने गवर्नर के बयान को बताया धमकी
शाम में पश्चिम बंगाल एजुकेशनिस्ट्स फोरम ने एक बयान जारी करके आधी रात की कार्रवाई पर आनंद बोस के बयानों को धमकी बताया. राज्य-संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल ने हाल ही में प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, एमएकेएयूटी (मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी) और बर्दवान विश्वविद्यालय सहित आठ विश्वविद्यालयों के लिए अंतरिम उप-कुलपतियों की नियुक्ति की है. राज्यपाल के इस कदम की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी आलोचना की थी और इसे राज्य-प्रशासित विश्वविद्यालयों के संचालन में हस्तक्षेप का प्रयास बताया था. सूत्रों ने कहा कि आठ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के नाम पर भी अंतिम फैसला हो गया है और जल्दी ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे.
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