BJP Nabanna March: बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट- बीजेपी को नहीं दी गई थी अनुमति फिर भी निकाली रैली
West Bengal News: बीजेपी ने पिछले हफ्ते टीएमसी सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सचिवालय नबान्न तक रैली निकाली थी. इस रैली को लेकर बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी है.
West Bengal BJP Nabanna Rally: पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Govt) ने सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया है कि पिछले हफ्ते राज्य सचिवालय नबान्न तक बीजेपी (BJP) का मार्च बगैर अनुमति के किया गया और इसमें शामिल लोग हिंसक हो गए, जिसके चलते सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और पुलिसकर्मी घायल हो गए.
रिपोर्ट में गृह सचिव बीपी गोपालिका (BP Gopalika) ने कहा है कि पुलिस (Police) ने भीड़ जुटने, यातायात और सुरक्षा कारणों को लेकर हावड़ा जिले में 13 सितंबर को दो सभाओं के लिए अनुमति देने से मना कर दिया था. इन दो स्थानों में संतरागाछी बस पड़ाव (Santragachi Bus Stop) और हावड़ा मैदान (Howrah Ground) शामिल थे.
रिपोर्ट में और क्या कहा गया?
रिपोर्ट में कहा गया कि कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने उस दिन बीजेपी के नबान्न अभियान को भी अनुमति देने से भी इनकार कर दिया था. बीजेपी ने राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए अलग-अलग स्थानों से राज्य सचिवालय तक तीन मार्च निकाले थे. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की पीठ के 13 सितंबर के निर्देश पर यह रिपोर्ट सौंपी गई. यह निर्देश एक याचिका में लगाए गए इन आरोप को लेकर जारी किया गया था कि बीजेपी समर्थकों को रैली में शामिल होने से बलपूर्वक रोका गया था.
बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं पर हिंसा करने का आरोप
राज्य सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाके में धारा 144 पहले से लागू थी. इसमें दावा किया गया है कि विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कानून का पालन नहीं किया और हिंसक तरीके से व्यवहार किया. इसमें कहा गया है कि इस तरह की हिंसक गतिविधियों के परिणामस्वरूप हावड़ा और कोलकाता में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और कुछ पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके अलावा मध्य कोलकाता में एक पुलिस वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया.
याचिकाकर्ता सुकांत घोष ने अदालत में दाखिल किए गए एक हलफनामे में आरोप लगाया है कि बीजेपी के कई सदस्यों को झूठे मामलों में फंसाया गया है. पीठ ने निर्देश दिया कि मामले पर आगे की सुनवाई 27 सितंबर को होगी.
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