नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर और पदोन्नति को लेकर भी अब सवाल खड़े होने लगे हैं. बीजेपी की तरफ से सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि इस ट्रांसफर और पदोन्नति के दौरान ममता बनर्जी ने उन अधिकारीयों को भी पदोन्नति दी है, जिनके ऊपर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी. बीजेपी ने कहा है कि उनकी निगरानी के दौरान ही जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था. बीजेपी का कहना है कि ऐसे अधिकारियों को पदोन्नति देकर ममता बनर्जी यह संदेश देना चाहती हैं कि जो भी इस तरह से बीजेपी के खिलाफ हमले करेगा या उसमें सहयोग करेगा उसको राज्य में पदोन्नति मिलेगी.


राजीव मिश्रा के ऊपर थी जेपी नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी


पश्चिम बंगाल सरकार ने वैसे तो कई अधिकारियों के तबादले और पदोन्नति की है, लेकिन चर्चा में एडीजी साउथ बंगाल राजीव मिश्रा को मिली पदोन्नति है. क्योंकि राजीव मिश्रा वो अधिकारी हैं, जिनके ऊपर जेपी नड्डा की सुरक्षा के जिम्मेदारी भी थी. उसी दौरान जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था. राजीव मिश्रा वो अधिकारी हैं, जिनको केंद्र सरकार ने जेपी नड्डा की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में डेपुटेशन पर दिल्ली बुलाया था, लेकिन ममता सरकार ने रिलीज करने से इनकार कर दिया था.


ममता बनर्जी सरकार द्वारा राजीव मिश्रा को दिए गए पदोन्नति को लेकर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि ममता बनर्जी इस तरह से प्रमोशन देकर ये सन्देश दे रहीं हैं कि जो भी बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला करेगा या उस में सहयोग देगा उसको प्रमोशन दिया जाएगा. पश्चिम बंगाल सरकार का यह कदम यह बहुत ही चिंताजनक है और यह राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को भी दिखाता है.


ममता का ये कदम हताशा और निराशा से भरा- शाहनवाज हुसैन 


शाहनवाज हुसैन का कहना है ममता बनर्जी का ये कदम उनकी हताशा और निराशा भी दिखा रहा है. क्योंकि उनको भी पता है कि उनका जनाधार कम हो रहा है और आने वाले दिनों में वो सत्ता से बेदखल हो जाएंगी. रही बात जिन तीन अधिकारियों को केंद्र सरकार ने जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले में चूक के मामले में डेपुटेशन पर वापस दिल्ली बुलाया था, उनको ना भेजने का ममता सरकार का फैसला संवैधानिक तौर पर भी गलत है, क्योंकि इससे वह संविधान की मूल भावना का अपमान कर रही हैं.


जैसे जैसे बंगाल चुनाव की तारीख नजदीक आ रही हैं, वैसे वैसे बीजेपी और टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार बढ़ता जा रहा है. ममता सरकार जहां बीजेपी पर केंद्र सरकार की मदद से राज्य में संवैधानिक ढांचा के खिलाफ कदम उठाने का आरोप लगा रही है. तो वहीं बीजेपी राज्य की कानून व्यवस्था और ममता बनर्जी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को राजनैतिक से प्रेरित बता कर उन पर हमला कर रही है.


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