Bengal Job Scam: TMC नेताओं को बड़ा झटका! HC के आदेश के बाद 800 से ज्यादा लोगों की गई नौकरी
Bengal Job Scam: बंगाल सरकार ने 10 मार्च को 842 ग्रुप-सी कर्मचारियों की एक लिस्ट पब्लिश की थी. जिन्हें पिछले कुछ सालों में अवैध रूप से नियुक्त किया गया था.
Bengal job scam: कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर बंगाल सरकार ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई नेताओं और उनके रिश्तेदारों को सरकारी स्कूलों में नौकरी से बर्खास्त कर दिया. कोर्ट के इस आदेश में अवैध तरीके से भर्ती और रोजगार के लिए रिश्वत लेने वालों की सेवा को खत्म करने के आदेश थे, जिसके कारण टीएमसी के कई विधायकों के करीबी रिश्तेदारों और जिले के नेताओं की नौकरी चली गई है. इसके साथ ही जिलों में सत्तारूढ़ दल के कुछ पदाधिकारी बेरोजगार भी हो गए हैं.
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 10 मार्च को 842 ग्रुप-सी कर्मचारियों की एक लिस्ट पब्लिश की थी. जिन्हें पिछले कुछ सालों में अवैध रूप से नियुक्त किया गया था. इन लोगों की सेवा खत्म करने का आदेश हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने 8 मार्च को दिया था. मिनाखान में टीएमसी के पदाधिकारी मृत्युंजय मोंडल की बेटी बिनीता मोंडल को चार साल पहले बेलघोरिया के एक स्कूल में क्लर्क के रूप में नियुक्त किया गया था. जिन्हें अब बर्खास्त कर दिया दिया गया है. मृत्युंजय मोंडल ने कहा कि मुझे पता था कि मेरी बेटी को उसकी योग्यता के कारण नौकरी मिली है. मैंने उसकी मदद के लिए किसी से संपर्क नहीं किया.
इनकी भी गई नौकरी
टीएमसी के मंदिर बाजार से तीन बार के विधायक जॉयदेब हलदर के बेटे सुदीप हलदर भी नौकरी गंवाने वालों में शामिल हैं. पश्चिम मिदनापुर जिले में सालबोनी से विधायक श्रीकांत महता के भाई खोकोन महता को 2015 में नौकरी मिली थी, जिन्हें अब इसे हाथ धोना पड़ा है. श्रीकांत महता 2011 से सालबोनी से तीन बार जीत चुके हैं. महता ने कहा कि जब मेरे भाई को नियुक्त किया गया था तब मैं मंत्री नहीं था. उसे नौकरी इसलिए मिली, क्योंकि वह योग्य था.
मई 2022 में जस्टिस गंगोपाध्याय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नॉन टीचिंग स्टाफ (ग्रुप सी और डी) और टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया था. जानकारी के मुताबिक 2014 और 2021 के बीच नियुक्तियों के टेस्ट में पास न होने के बाद नौकरी पाने के ₹5 लाख से ₹15 लाख तक की रिश्वत दी गई.
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