Bengal Panchayat Election: बंगाल में केंद्रीय बलों की 22 कंपनियां तैनात, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद केंद्र का फैसला
Bengal Panchayat Election 2023: हाई कोर्ट ने 15 जून को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि पंचायत चुनाव के लिए पूरे बंगाल में 48 घंटे के अंदर केंद्रीय बलों की मांग की जाए और उन्हें तैनात किया जाए.
Supreme Court: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर हुई झड़पों का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद, अब राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव में हर जिले के लिए केंद्रीय बल की एक कंपनी तैनात करने का फैसला किया है. ऐसे में चुनाव आयोग बंगाल के 22 जिलों में 22 केंद्रीय बल की कंपनी को तैनात करेगा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल पंचायत चुनाव को लेकर अपने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, "चुनाव कराना 'हिंसा का लाइसेंस' प्राप्त करना नहीं है." दरअसल, शीर्ष कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल में राज्य चुनाव आयोग को आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने और तैनात करने का निर्देश गया था.
बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश का सीधा मतलब ये है कि राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाया जा सके.
हाई कोर्ट के आदेश, निष्पक्ष चुनाव कराना है
जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिसम नोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, "चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता." खंडपीठ ने कहा कि यह सच है कि हाई कोर्ट के आदेश का आशय राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है, क्योंकि यहां एक ही दिन में पंचायत चुनाव हो रहे हैं.
आदेश में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं- SC
शार्ष कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है और कोर्ट इस संबंध में हाई कोर्ट की ओर से जारी किसी अन्य निर्देश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है. पीठ ने कहा कि राज्य और एसईसी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने दलील दी है कि पश्चिम बंगाल के सभी जिलों के लिए केंद्रीय बलों की मांग और तैनाती के लिए हाई कोर्ट के निर्देश में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए.
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 15 जून को राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में 48 घंटे के अंदर केंद्रीय बलों की मांग की जाए और उन्हें तैनात किया जाए.
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