West Bengal Panchayat Elections: पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने सोमवार (3 जुलाई) को कलकत्ता हाईकोर्ट को सूचित किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बल की शेष 485 कंपनियों को भेजने की मंजूरी दे दी है और अब केंद्रीय बलों की 822 कंपनियां हो जाएंगी. एसईसी के वकील ने कहा कि पंचायत चुनावों के लिए 4,834 बूथ को संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया है, जो कुल 61,636 बूथ का 7.8 प्रतिशत है.
HC ने एसईसी को दिया था ये निर्देश
पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को सूचित किया कि उसे सोमवार को सूचना मिली कि मंत्रालय ने पहले स्वीकृत 337 कंपनियों के अलावा केंद्रीय सुरक्षाबलों की 485 कंपनियों को मंजूरी दी है. उच्च न्यायालय ने 21 जून को एसईसी को पंचायत चुनावों में तैनाती के लिए 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों के जवानों को भेजने के अनुरोध का निर्देश दिया था. मामले पर मंगलवार (4 जुलाई) को दोबारा सुनवाई होगी.
चुनाव की तारीखों के एलान के बाद बढ़ी हिंसा
दरअसल, बंगाल में 8 जून को पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था. इसके बाद से ही राज्य में हिंसक घटनाएं देखने को मिल रही हैं. इस 8 जुलाई को ही पंचायत चुनाव होने हैं और इसके नतीजे 11 जुलाई को आने वाले हैं. हाल ही में बसंती के फुलमालंच इलाके में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान जियारुल मोल्ला के नाम से हुई है.
स्थानीय लोगों का दावा है कि टीएमसी कार्यकर्ता अपने घर जा रहा था तभी अचानक से हमलावरों ने सिर में गोली माकर उसकी हत्या कर दी. वहीं बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन दाखिल करने के बाद अब तक 13 मौतें हो चुकी हैं. यही वजह है कि राज्य में इस तरह की हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय बल की 485 कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी गई है.
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