Bengal Post Poll Violence: बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का मामला, CBI ने तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल से की पूछताछ
Bengal Post Poll Violence: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने तृणमूल के नेता अनुब्रत मंडल से पूछताछ की.
CBI Questions TMC Leader Anubrata Mondal: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (Bengal Assembly Election) के बाद राज्य में हुई हिंसा के मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता अनुब्रत मंडल (Anubrata Mondal) से पूछताछ की. एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये जानकारी दी. मंडल बुधवार रात कोलकाता आए थे और बृहस्पतिवार सुबह सीबीआई कार्यालय पहुंचे.
अधिकारी ने कहा कि चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के मामले की जांच के सिलसिले उनसे पूछताछ की गई. मंडल ने चिकित्सकों द्वारा उन्हें पूरी तरह आराम करने की सलाह दिए जाने की जानकारी देते हुए पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश होने के लिए 15 दिन का समय मांगा था. हालांकि, वह 10वें दिन ही सीबीआई के समक्ष पेश हो गए. इससे पहले, सीबीआई ने उनसे मवेशियों की तस्करी के मामले में भी पूछताछ की थी. मंडल करीब डेढ़ महीने तक शहर में रहने के बाद 21 मई को बीरभूम जिले में अपने गृहनगर बोलपुर लौटे गए थे.
चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता की हुई थी हत्या
बता दें कि, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद, बीरभूम जिले में एक भाजपा कार्यकर्ता की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. मृतक के परिवार ने आरोप लगाया था कि मंडल के आदेश पर ये लिंचिंग हुई. सीबीआई दो मामलों में मंडल से पूछताछ कर रही है. पहला चुनाव के बाद की हिंसा और दूसरा मवेशी और कोयला तस्करी के मामलों में. एक और दिलचस्प बात ये है कि बंगाल के भाजपा नेता अनुपम हाजरा ने एक आरटीआई दायर कर मंडल के इलाज का ब्योरा मांगा है.
बंगाल में चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि पिछले साल मई में बंगाल विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसा (Bengal Post Poll Violence) हुई थी. ज्यादातर मामलों में हिंसा का आरोप तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं पर लगा है. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी (BJP) का दावा है कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा में लगभग 60 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था जिनमें 50 से ज्यादा भाजपा के कार्यकर्ता शामिल हैं. वहीं राज्य सरकार चुनाव के बाद हिंसा के आरोपों से इंकार करती रही है. कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई (TMC) चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच कर रही है.
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