Bengal Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को आज कोलकाता के सिटी सेशंस कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने दोनों को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. इससे पहले कोलकाता की एक विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत 5 अगस्त तक बढ़ा दी थी. आज दोनों की हिरासत का समय खत्म हो गया था.
पार्थ चटर्जी को उनकी सहयोगी अर्पिता चटर्जी के साथ स्कूल शिक्षक भर्ती मामले की जांच के सिलसिले में 25 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. आज की सुनवाई में अर्पिता मुखर्जी की वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है. हम उसके लिए एक डिवीजन 1 कैदी श्रेणी चाहते हैं. उसके भोजन और पानी की पहले जांच की जानी चाहिए और फिर उसे दिया जाना चाहिए. ईडी के वकील ने भी इस दलील का समर्थन किया कि उनकी सुरक्षा को खतरा है क्योंकि 4 से अधिक कैदियों को नहीं रखा जा सकता है.
पार्थ चटर्जी के वकील ने दी ये दलील
वहीं पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा कि ईडी ने इस मामले में 22 जुलाई को जब उनके घर पर छापा मारा था तो कुछ भी बरामद नहीं हुआ. यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से पूछने की कोशिश करते हैं जो अपराध में शामिल नहीं है, तो वह स्पष्ट रूप से असहयोगी होगा. चटर्जी के वकील ने जमानत याचिका दायर की. ईडी ने इसका विरोध करते हुए कहा, "जेल हिरासत की आवश्यकता है." पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा कि इस मामले में कोई भी सामने नहीं आया है और ना ही किसी ने ये कहा कि उनसे रिश्वत मांगी थी.
अर्पिता मुखर्जी के पास से करोड़ों रुपये हुए हैं बरामद
इस मामले में ईडी ने अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के कई घरों पर छापेमारी कर लगभग 50 करोड़ रुपये कैश और सोना बरामद किया है. ईडी (ED) को संदेह है कि ये रकम शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित है. जब ये कथित घोटाला हुआ तब पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) राज्य के शिक्षा मंत्री थे. पार्थ चटर्जी ने बरामद कैश को लेकर कहा है कि वो पैसा उनका नहीं है. पार्थ चटर्जी को बंगाल मंत्रिमंडल से निकाला जा चुका है वहीं टीएमसी (TMC) भी उन्हें निलंबित कर चुकी है.
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