Kanchanjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार को हुए रेल हादसे पर रेलवे ने सफाई दी है. दरअसल, भारतीय रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि गुवाहाटी-दिल्ली मार्ग पर जहां सोमवार को सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस में एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी वहां ‘कवच’ या ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली इस्तेमाल में नहीं थी. रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि इस मार्ग के लिए स्वचालित टक्कर रोधी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने कहा, “अभी यह वहां नहीं है.
मालगाड़ी के चालक की ओर से संभावित “मानवीय भूल” की ओर इशारा करते हुए रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि न्यू जलपाईगुड़ी के निकट टक्कर संभवतः इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की और अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी. बता दें कि, इस दुर्घटना में मालगाड़ी के इंजन चालक की मौत हो गई.
हादसे में लोको पायलट और गार्ड की हुई मौत- जया वर्मा
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई. हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कुछ स्थानीय खबरों में मृतकों की संख्या 15 बताई गई जा रही हैं. सिन्हा ने कहा, “पांच यात्रियों की मौत हो गई है. मालगाड़ी के लोको पायलट और कंचनजंघा एक्सप्रेस के गार्ड की भी मौत हो गई है. इस घटना में करीब 50 यात्री घायल हुए हैं, जिन्हें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां पर उनका इलाज चल रहा है.
रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ पूरा
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि कंचनजंघा एक्सप्रेस का एक गार्ड कोच और दो पार्सल कोच नष्ट हो गए और इन तीन कोचों के कारण ही यात्री कोच पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. सिन्हा ने कहा, “जनरल डिब्बे पर भी असर पड़ा है. हालांकि, हमारी प्राथमिकता यात्रियों को बचाना था. मगर, अब यह काम पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारे एरिया अफसर और उनकी टीम न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 10 किलोमीटर दूर स्थित दुर्घटनास्थल पर पहुंच गई है.
यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की पहली प्राथमिकता- जया वर्मा सिन्हा
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सुरक्षा रेलवे की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि ट्रेन परिचालन सुरक्षित रहे.” सिन्हा ने कहा कि ‘कवच’ का क्रियान्वयन मिशन मोड पर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह 1,500 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर पहले से ही क्रियाशील है, जबकि इस साल के अंत तक इसमें 3,000 किलोमीटर और जोड़ दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि देश के रेलवे नेटवर्क में कवच परियोजना का तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं द्वारा सुरक्षा प्रणाली का उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए.
घायलों को अस्पताल में कराया गया एडमिट
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि घायलों को सिलीगुड़ी स्थित उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वहां उनका इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “स्थानीय लोग घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंच गए. बता दें कि, राज्य और जिला प्रशासन के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे. जबकि, एनडीआरएफ, सेना और अन्य दल भी बचाव के लिए मौके पर पहुंच गए हैं.
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