पश्चिम बंगाल: चुनाव से पहले TMC छोड़ने की होड़, एक्ट्रेस कौशानी समेत कई नेताओं ने थामा BJP का दामन
टीएमसी विधायक बच्चू हांसदा भी गौरी शंकर दत्ता के साथ बीजेपी में शामिल हुए हैं. पिछले कई सालों से गौरी शंकर दत्ता नदिया जिले में टीएमसी के अध्यक्ष रहे हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले लगातार राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़कर नेताओं के जाने का सिलसिला लगा हुआ है. तृणमूल कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिए जाने के बाद पश्चिम बंगाल के मंत्री बच्चू हांसदा और तेहट्टा से विधायक गौरी शंकर दत्त बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
उत्तर बंगाल विकास राज्य मंत्री हांसदा बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुए. हांसदा दक्षिण दिनाजपुर जिले में तपन सीट से विधायक हैं। दत्त नदिया में तेहट्टा विधानसभा सीट से विधायक हैं.
इनके अलावा बंगाली अभिनेता बोनी सेनगुप्ता भी भाजपा में शामिल हुए। उनकी करीबी मित्र और अभिनेत्री कौशानी मुखर्जी हाल में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुई थीं और वह कृष्णानगर उत्तर सीट से उम्मीदवार हैं. तृणमूल कांग्रेस सांसद प्रतिमा मंडल की छोटी बहन जयंती भी बीजेपी में शामिल हुई. विभिन्न नगरपालिकाओं के पार्षदों और तृणमूल कांग्रेस के जिला स्तर के नेता भी भाजपा में शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि इस सप्ताह के शुरू में सतगछिया से विधायक सोनाली गुहा और 89 वर्षीय विधायक रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्य समेत तृणमूल कांग्रेस के पांच विधायक सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिये जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गये थे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से तृणमूल कांग्रेस के कुल 26 विधायक और दो सांसद भाजपा के पाले में जा चुके है.
Kolkata: Bengali actors Rajshree Rajbanshi and Bonny Sengupta join Bharatiya Janata Party pic.twitter.com/NgMGXkS7IA
— ANI (@ANI) March 10, 2021
गौरतलब है कि इससे पहले टीएमसी के शीतल कुमार सरदार समेत पांच विधायक सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. सोमवार को जिन टीएमसी नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम है उनमें तृणमूल कांग्रेस के विधायक- सोनाली गुहा, दीपेन्दू बिस्वास, रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य, जटू लहिरी, शीतल कुमार सरदार और टीएमसी के हबीबपुर सराला मुर्मू से उम्मीदवार ने बीजेपी ज्वाइन किया. इन सभी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा.
रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य 2001 से सिंगुर विधानसभा सीट से टीएमसी के विधायक रहे हैं. इस बार 80 साल के ज़्यादा उम्र के किसी को टीएमसी ने टिकट नही दिया था और इसलिए रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य को टिकट नही मिला था. गौरतलब है कि पिछले दशक में हुई सिंगुर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक है रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य.
पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 8 चरणों में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. 294 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए राज्य के चुनाव में उतरने वाले सियासी दल पूरी तरह से कमर कसकर मैदान में आ डटे हैं. बीजेपी जहां इस पर ममता बनर्जी की सरकार को उखाड़ फेंकने का लगातार दंभ भर रही है तो वहीं ममता की तरफ से महंगाई को लेकर लगातार केन्द्र सरकार को घेरा जा रहा है.
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