Custodial Death: बेंगलुरु में हिरासत में युवक की मौत, परिवार का आरोप- पुलिस ने शव नहीं देखने दिया और दफना दिया
Karnataka News: बेंगलुरु की कॉटनपेट पुलिस एक युवक को डकैती प्रयास के एक पुराने मामले में पकड़कर ले गई थी. उसकी पांच जनवरी को कथित तौर पर हिरासत में मौत गई.
Bengaluru Custodial Death Case: कर्नाटक के बेंगलुरु में एक 23 वर्षीय युवक की हिरासत में मौत का मामला दर्ज किया गया है. मामले को अब जांच अपराध जांच विभाग (CID) देखेगा. बेंगलुरु (पश्चिम) के डिप्टी कमिश्नर लक्ष्मण बी निम्बार्गी ने यह जानकारी मीडिया को दी है.
कथित तौर पर 5 जनवरी को विनोद नाम के युवक मौत हिरासत में हो गई थी. विनोद शहर के केआर मार्केट स्थित जॉली मोहल्ला का रहने वाला था और अपने परिवार के साथ रहता था. पुलिस के मुताबिक, 2017 के 'डकैती प्रयास' के एक मामले में विनोद का नाम आया था और 4 जनवरी को उसे चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. कॉटनपेट पुलिस ने विनोद को गिरफ्तार किया था.
पुलिस पर लग रहा ये आरोप
परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें विनोद का शव नहीं देखने दिया और सीधे ले जाकर दफना दिया. मृतक के परिवार और रिश्तेदारों ने बेंगलुरु पश्चिम के डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई थी. मृतक के एक भाई सुब्रमणी ने मीडिया से कहा, ''हमें उसका शव भी नहीं देखने दिया गया.'' परिजनों के मुताबिक, बगैर उनकी सहमति के पुलिस ने विनोद का शव दफना दिया.
पुलिस ने कहा- हॉर्ट अटैक से हुई मौत
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, 5 जनवरी की दोपहर को पुलिस विनोद की मां के बारे में पूछते हुए जॉली मोहल्ला पहुंची थी. पुलिस ने मां को बताया कि विनोद को हिरासत में दिल का दौरा पड़ा है और उसकी हालत गंभीर है. सूचना मिलने के बाद परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें बताया गया कि विनोद की मौत हो गई है. कथित तौर पर उन्हें शव नहीं देखने दिया गया और विनोद की मां को परिवार के अन्य लोगों से अलग कर दिया गया.
विनोद की अचानक मौत से परिवार सदमे में आ गया. मृतक के भाई सुब्रमणी ने मीडिया से कहा, ''उन्होंने (पुलिस) शुरू में हमसे कहा कि हिरासत में उसे हार्ट अटैक आया था, जिसके कारण वह गिरा और सिर में चोट लगी और अब वे कह रहे हैं कि वह सेल में बेहोश मिला था.''
मृतक के भाई ने यह कहा
सुब्रमणी के मुताबिक, मुर्दाघर के एक वॉचमैन ने जानकारी दी है कि विनोद के सिर पर खून दिखा था. सुब्रमणी ने कहा कि घंटों तक डॉक्टरों ने कुछ नहीं बताया. पुलिस बगैर जानकारी और सहमति के शव को दफाने वाली जगह पर ले गई. उन्होंने कहा, ''हम वहीं इंतजार कर रहे थे जब वे (पुलिसवाले) मेरे भाई के शव को एंबुलेंस में ले गए, वे यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मेरी मां की मौजूदगी में शव दफनाया गया.''
सुब्रमणी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें जांच मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने की अनुमति नहीं दी और उसे उल्टा नशे की हालत में ठहराया, जबकि ब्लड एल्कोहल टेस्ट निगेटिव आया था. सुब्रमणी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें भाई का अंतिम संस्कार क्यों नहीं करने दिया?
महिला संगठन ने मांगा न्याय
एक स्थानीय महिला संगठन ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग में मामले की शिकायत दर्ज कराई है और मांग की है कि वह हस्तक्षेप करे. बेंगलुरु (पश्चिम) के डिप्टी कमिश्नर लक्ष्मण बी निम्बार्गी से मांग की गई है कि आरोपों की जांच की जाए और जॉली मोहल्ला के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
डीसीपी ने यह कहा
डीसीपी ने कहा, ''हिरासत के दौरान, विनोद भोजन के बाद सो गया था लेकिन नियमित जांच के चलते जब SHO ने उसे तड़के साढ़े तीन बजे जगाने की कोशिश की तो वह नहीं उठा. इसके बाद विनोद को विक्टोरिया अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. हमने हिरासत में मौत का मामला दर्ज किया है और इसे सीआईडी को सौंप देंगे.''
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