लावारिस नवजात के लिए 'भगवान' बनी महिला पुलिस कॉन्सटेबल, पिलाया अपना दूध
थाने की टीम अस्पताल पहुंचकर जांच पड़ताल कर रही थी इस दौरान महिला कॉन्सटेबल संगीता एस हलिमनी ने नवजात को स्तनपान करवाया.
बेंगलुरुः कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक बार फिर इंसानियत की मिसाल और एक मां की ममता नजर आई. सड़क किनारे लावारिस हालत में पड़ी एक नवजात को महिला पुलिस कॉन्सटेबल ने अपना दूध पिलाया. इस घटना के बारे में जानकर वहां मौजूद सभी लोग चकित रह गए. बताया जा रहा है कि किसी ने नवजात को सड़क किनारे लावारिस अवस्था में छोड़कर भाग गया. जिसके बाद उसे चीटियों ने नोचकर खाना शुरू कर दिया. लहूलुहान नवाजत को अस्पताल पहुंचाया गया. घटना की सूचना मिलते ही नजदीकी पुलिस स्टेशन अस्पताल पहुंची.
थाने की टीम अस्पताल पहुंचकर जांच पड़ताल कर रही थी इस दौरान महिला कॉन्सटेबल संगीता एस हलिमनी ने नवजात को स्तनपान करवाया. संगीता के अस्पताल आने से पहले नवजात को फॉर्म्युला मिल्क और आईवी फ्लुइड (ग्लूकोज) देकर किसी तरह जीवित रखा गया था.
नवजात को शहर के जीवीवीके कैंपस से ठंड से कांपती हुई एक नवजात मिली थी. संगीता ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, 'बच्ची ने मुझे मेरी बेटी की याद दिला दी. मैंने जब उसे देखा तो मुझे उसको दूध पिलाने की इच्छा हुई. मैंने डॉक्टरों से पूछा कि क्या मैं ऐसा कर सकती हूं. चींटियों के काटने के बावजूद बच्ची स्वस्थ दिख रही थी.'
जानकारी के मुताबिक 10 महीने की बच्ची की मां संगीता ने काफी देर तक नवजात को स्तनपान करवाया. संगीता की इस पहल के बाद वहां मौजूद सभी लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं. अंग्रेजी अखबार के मुताबिक नवजात को अभी महिला एवं बाल विकास विभाग को नहीं सौंपा गया है.
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