कर्नाटक के पूर्व CM सिद्धारमैया पर लिखी किताब पर कोर्ट ने लगाई रोक, लेखक बोले- कानूनी लड़ाई लड़ेंगे, जानें पूरा विवाद
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बेटे ने कहा कि किताब मुझे और मेरे पिता को बदनाम करने के लिए लिखी गई, इसके पीछे बीजेपी की चाल है.
Court Stay On Siddaramaiah Book: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) पर लिखी गई एक पुस्तक पर अदालत में रोक लगा दी गई है. इस पुस्तक का विमोचन बीजेपी नेता और आईटी मंत्री अश्वथ नारायण (C. N. Ashwath Narayan) करने वाले थे. सिद्धारमैया की ओर से खुद के बारे में लिखी गई पुस्तक पर ऐतराज जताया गया था.
कांग्रेस पार्टी सिद्धारमैया पर लिखी गई पुस्तक के खिलाफ है, कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि जिस पुस्तक को लेखक आर चक्रतीर्थ ने लिखा, वो सिद्धारमैया की बदनामी करने के बीजेपी नेताओं के इशारे पर लिखी गई. कांग्रेस पार्टी ने इस बारे में पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज करवाई थी, वहीं, पार्टी की एक याचिका पर अदालत में 9 जनवरी को सुनवाई हुई, जहां कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर लिखी पुस्तक के विमोचन पर रोक लगा दी गई.
सिद्धारमैया पर लिखी गई पुस्तक रिलीज नहीं होगी
बता दें कि, आज दोपहर ही पुस्तक का विमोचन होना था, लेकिन जब अदालत ने रोक लगा दी तो विमोचन नहीं किया गया. अदालत ने पुस्तक से जुड़ी ख़बर प्रकाशित करने या दिखाने पर भी रोक लगा दी है. कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि उक्त पुस्तक आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उनके नेता सिद्धारमैया को अपमानित करने के लिए जारी की जा रही थी, सिद्धारमैया सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं.
बेंगलुरु की अदालत ने विमोचन पर लगाया स्टे
इस मामले में सोमवार, 9 जनवरी के दिन बेंगलुरु सिविल कोर्ट का आदेश आया. एक कांग्रेस नेता ने कहा, ''बुकलेट सिद्धारमैय्या को बदनाम करने के मकसद से जारी की जाने वाली थी. हालांकि कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी है.'' उन्होंने बताया कि इसके लिए सिद्धारमैया के बेटे डॉ यतीन्द्र सिद्धारमैया ने निचली अदालत में गुहार लगाई थी. डॉ यतीन्द्र सिद्धारमैया विधायक भी हैं. उनका कहना है कि बुकलेट उनके और उनके पिता को बदनाम करने के मकसद से जारी की जाने वाली थी.
लेखक बोले- हम इसकी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
वहीं,इस बीच पुस्तक के लेखक आर चक्रतीर्थ का बयान आया है. लेखक आर चक्रतीर्थ ने कहा, ''यह लड़ाई हम अदालत में लड़ेंगे, पुस्तक का विमोचन अभी बाकी है. कंटेंट देखे बिना ही वे (कांग्रेस नेता) अदालत चले गए और स्टे लगवा दिया. हम अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं और किताब का विमोचन रोक दिया है. सिर्फ इसलिए कि टाइटल समान है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसका कंटेंट समान होगा.'' बताया जा रहा है कि यह किताब सिद्धारमैया के मिसगर्वेनेंस पर थी.
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