Karnataka Defamation Case: बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने बीजेपी की ओर से दायर मानहानि के मामले में शुक्रवार (23 फरवरी) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को समन जारी किया.


एमपी/एमएलए मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश जे. प्रीथ ने उन्हें 28 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए कहा. यह आदेश तब आया, जब अदालत ने बीजेपी के राज्य सचिव एस. शिवप्रसाद की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के इन नेताओं ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली तत्कालीन बीजेपी सरकार के खिलाफ 40 प्रतिशत से अधिक कमीशन वसूलने का आरोप लगाया था और मीडिया में इससे संबंधित पूरे पेज का विज्ञापन जारी किया था.


अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने और राज्य कांग्रेस इकाई को भी इसमें एक पक्ष बनाने का निर्देश दिया. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ 40 प्रतिशत कमीशन के आरोप को एक प्रमुख एजेंडा बनाया था. शुरुआत में आरोप भाषणों में लगाए गए और जल्द ही पार्टी ने सोशल मीडिया अभियान शुरू कर दिया और राज्यभर में पोस्टर लगाना शुरू कर दिया.


पूर्व सरकार के ख‍िलाफ चलाया था 'पे-सीएम' पोस्टर अभियान 


अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस ने शहरभर में तत्कालीन मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ 'पे-सीएम' पोस्टर प्रदर्शित करके बोम्मई को लक्षित करते हुए एक पोस्टर अभियान भी शुरू किया गया था. कांग्रेस ने पूर्व सरकार के खिलाफ 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' भी प्रकाशित किया था. 


विज्ञापनों से पार्टी की छवि को नुकसान का आरोप  


विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने विज्ञापनों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. पार्टी के वकील विनोद कुमार ने कोर्ट में दलील दी कि 'झूठे' विज्ञापनों से बीजेपी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है. 


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