'आतंकियों के लिए पनाहगाह', NIA ने बांग्लादेशी नागरिक को सुनाई सजा तो BJP ने ममता बनर्जी को घेरा
Fake Currency Case: एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी की ओर से कई ऐसे लेन-देन हुए हैं, जिन्होंने पहले पश्चिम बंगाल में मुख्य दोषी दलिम मिया को 10.30 लाख रुपये के नकली नोट दिए थे.
Fake Currency Case: बेंगलुरू में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने बांग्लादेश से लायी गई जाली भारतीय मुद्रा को चलाने के मामले में शनिवार (31 अगस्त) को एक युवक को सजा सुनाई है. नकली नोट मामले में ये युवक आरोपी था. जिस पर अदालत ने अब उसे दोषी मानते हुए अदालत ने छह साल की सजा सुनाई है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बयान जारी किया. जिसमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल के मूल निवासी आरोपी सरीफुल इस्लाम उर्फ सरीफुल्ला उर्फ शरीफुद्दीन पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. हालांकि, एनआईए को मामले की जांच से पता चला कि आरोपी ने 6 अन्य लोगों के साथ मिलकर बांग्लादेश बार्डर से भारत के कई इलाकों में 82,000 रुपये की कीमत के 41 जाली भारतीय नोट की तस्करी करने की साजिश रची थी.
'बंगाल आतंकवादियों और अपराधियों के लिए बना सुरक्षित ठिकाना'
इस बीच इस मामले में बीजेपी की तरफ से आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय भी उतर गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर की. जिसमें उन्होंने लिखा कि अब, पश्चिम बंगाल से जाली भारतीय मुद्रा नोट के रैकेट का लिंक सामने आया है. मालवीय ने कहा कि सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में, राज्य आतंकवादियों, अपराधियों और राष्ट्र-विरोधियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है. उन्होंने कहा कि उनकी बेशर्म तुष्टिकरण की राजनीति बंगाल के पतन के मूल में है.
Now, Fake India Currency Notes (FICN) racket link to West Bengal emerges.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 1, 2024
Under Mamata Banerjee, the State has become a safe haven for terrorists, criminals and anti-nationals. Her brazen appeasement politics is at the core of Bengal’s degeneration.
Quote
The accused, Sariful… https://t.co/u5kpjd80jp
NIA की जांच में हुए बड़े खुलासे
आरोपी, सरीफुल इस्लाम उर्फ सरीफुल्ला उर्फ शरीफुद्दीन, जो पश्चिम बंगाल का निवासी है. उस पर RC-12/2018/NIA/DLI (चिकोडी FICN केस) मामले में 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. हालांकि, वह इस मामले में दोषी ठहराए जाने वाला सातवां आरोपी है. इस मामले में NIA की जांच से पता चला है कि आरोपी सरीफुल इस्लाम ने पश्चिम बंगाल से जाली नोटों की खरीद और देश भर में उनके प्रचलन के लिए अपने सह-आरोपी से संवाद करने के लिए धोखाधड़ी से एक सिम कार्ड प्राप्त किया था.
भारत की आर्थिक सुरक्षा को अस्थिर करना था मकसद
जांच में आगे पता चला कि आरोपी की ओर से कई ऐसे लेन-देन हुए हैं, जिन्होंने पहले पश्चिम बंगाल में मुख्य दोषी दलिम मिया को 10.30 लाख रुपये के नकली नोट दिए थे. इस साजिश का मकसद साफ है कि भारत की मौद्रिक स्थिति और आर्थिक सुरक्षा को अस्थिर करना था. इस दौरान अमित मालवीय ने कहा कि यह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपलब्धियों में एक और बड़ी उपलब्धि है.
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