बेंगलुरु: लॉकडाउन के चलते राज्य सरकारों ने अपने-अपने जोन के हिसाब से काफी हद तक रियायतें लोगों को दी हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीर बेंगलुरु में भी देखी जा रही है जहां पर शहर में रेड जोन होने के बावजूद काफी हद तक रियायतें दे दी गईं. सरकार ने सभी गाइडलाइंस का पालन करने को कहा है. लेकिन इसके बावजूद सबसे बड़ी चुनौती है लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना.


बेंगलुरु के दो टेकीज (Techies) ने इसका हल भी निकाल दिया है. एक हाई टेक सिस्टम की वजह से लॉकडाउन खुलने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का आसानी से पालन हो सकेगा. बेंगलुरु की सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन कम्पनी ने एक ऐसा सिस्टम डेवेलप किया है जिसकी मदद से लॉकडाउन पूरी तरह खुल जाने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकेगा.


ट्रैफिक सिग्नल पर जहां-जहां CCTV कैमरे लगे हैं वहां इसे इंस्टाल करना होता है. इमेजिंग टेक्नोलॉजी की मदद से उस इलाके के सभी वाहनों और पैदल चलने वालों की डिटेल्स लेकर ये सिस्टम मार्किंग करता है. जो सेफ डिस्टेंस रख रहे हैं, उन पर ग्रीन मार्किंग, जो थोड़े नजदीक हो वाहन उन पर येलो मार्किंग और बिल्कुल सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे वाहन पर रेड मार्किंग होती है.


इसमें कैमरा के साथ-साथ लाउडस्पीकर भी लगाया गया है. कैमरे से जो भी इनपुट मिलता है ओ सिस्टम के सीपीयू में जाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए यह जानकारी देता है कि आखिर कौन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है और कौन भीड़ में खड़ा है. जिसके बाद नियम तोड़ने वालों के लिए लाउडस्पीकर पर अनाउंसमेंट हो जाती है कि अमुख वाहन या अमुख व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहा है वो तुरंत एक दूसरे से तय दूरी बना ले.


बेंगलुरु में फिलहाल यह एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है. विद्यारण्यपुरा सर्कल पर ये सिस्टम लगा है. सॉफ्टवेयर बनाने वाले अपूर्व और किरण ने बताया कि भविष्य में सिस्टम को और भी अपडेट किया जाएगा. जहां कैमरे से कपड़े की भी पहचान हो सकेगी. यानी किस व्यक्ति ने किस रंग का शर्ट पहना है यह बताते हुए यह सिस्टम बताएगा कि इस व्यक्ति को सोशल डिस्टेंस का पालन करना है.


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