Karnataka High Court: आवारा कुत्तों के हमले में बच्चे की हुई मौत, कर्नाटक HC ने दिया 10 लाख मुआवजे का आदेश
Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों के हमले में मारे गए 22 महीने के बच्चे की मौत पर 10 लाख मुआवजे का फैसला सुनाया है. ये हादसा चार साल पहले हुआ था.
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Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने चार साल पहले आवारा कुत्तों (Stray Dogs) के हमले में मारे गए एक 22 महीने के बच्चे के मामले में 10 लाख रुपये के मुआवजे देने का फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने बेलगावी जिला पंचायत ( Belagavi Zilla Panchayat) को बच्चे के पिता को यह मुआवजा देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के आवारा कुत्तों के हमले से नागिरकों को बचाना स्थानीय निकायों का कर्तव्य है.
बच्चे के पिता को मिला न्याय
कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज (Justice Suraj Govindaraj) के इस फैसले से असमय मौत के ग्रास बने 22 महीने के बच्चे के पिता युसुब को राहत मिली है.बेलगावी जिले के बालकुंदरी (Balekundri) गांव के राजमिस्त्री 32 वर्षीय युसुब की याचिका पर हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता ने अपने छोटे बेटेअब्बास अली युसुब (Abbas Ali Yusub) की मौत के लिए राज्य के अधिकारियों से 25 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की थी. कोर्ट ने बेलागवी जिला पंचायत और बालेकुंडरी गांव पंचायत की इस दलील को खारिज कर दिया कि उन्हें मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि स्थानीय अधिकारियों को किसी भी नागरिक को हुई चोट/मृत्यु के अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर गली के कुत्तों द्वारा हमला होने पर सार्वजनिक कानून उपाय (Public Law Remedy) के तहत उत्तरदायी माना जाता है. गौरतलब है कि 11 नवंबर, 2018 को युसुब के बेटे अब्बास अली अपने घर के पास खेल रहे थे उसी दौरान आवारा कुत्तों ने उन पर हमला किया, जिससे बच्चे की मौत हो गई.
छह फीसदी ब्याज के साथ देना होगा मुआवजा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेलागवी जिला पंचायत को मौत की तारीख से छह फीसदी ब्याज के साथ 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया. इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता बिल दिखाने पर चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति का हकदार भी है. कोर्ट ने कहा कि जिला पंचायत को याचिकाकर्ता को मुकदमेबाजी की लागत के रूप में 20,000 रुपये का भुगतान भी करना होगा.
सभी स्थानीय निकाय आदेशों की पालना
इस आदेश में कोर्ट ने घोषणा की कि 2012 में मास्टर जिष्णु (Master Jishnu) के मामले में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को आवारा कुत्तों के खतरे की जांच के लिए जो निर्देश दिए गए वो सभी स्थानीय निकायों पर लागू होते हैं. कोर्ट साफ किया कि बेंगलुरु शहर सहित कर्नाटक में पंचायत या अन्य नगरपालिका प्राधिकरण सहित जिला, तालुक और गांव सहित सभी स्थानीय निकायों पर बीबीएमपी वाले निर्देश लागू होते हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बीबीएमपी क्षेत्र में आवारा कुत्तों का हमला अन्य स्थानीय निकायों शासित क्षेत्र में आवारा कुत्तों के हमले से अलग नहीं हो सकता है, इसलिए बीबीएमपी पर लगाए गए दायित्व अन्य स्थानीय निकायों पर समान रूप से लागू होते हैं.
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