अलर्ट रहें, एक कॉल आएगा और खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट... बेंगलुरु पुलिस ने बताया साइबर जालसाजों से कैसे बचें
पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने स्पष्ट किया कि हम फिर कहना चाहते हैं कि हमारे कानून या संविधान में डिजिटल अरेस्ट की कोई अवधारणा नहीं है.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने लोगों से सतर्क रहने और साइबर जालसाजों के शिकार होने से बचने का मंगलवार (24 दिसंबर, 2024) को आग्रह किया. ये साइबर ठग सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके और डिजिटल अरेस्ट का दावा करके पैसे उगाहते हैं.
बी. दयानंद ने कहा कि पुलिस को डिजिटल अरेस्ट की अवधारणा से लोगों को डराने-धमकाने के बारे में कई शिकायतें मिल रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप काफी वित्तीय नुकसान हो रहा है. एक 39-वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर के इस ठगी में 11.8 करोड़ रुपये गंवाने की हालिया घटना का हवाला देते हुए आयुक्त ने स्पष्ट किया, 'जैसा कि हमने अपने सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से कई बार कहा है, हम एक बार फिर कहना चाहते हैं कि हमारे कानून या संविधान में डिजिटल अरेस्ट की कोई अवधारणा नहीं है. पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी प्रावधानों पर आधारित है और डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है.'
उन्होंने मानक कानूनी प्रक्रियाओं की व्याख्या करते हुए कहा कि पुलिस आवश्यकता पड़ने पर नोटिस जारी करती है या व्यक्तियों को शारीरिक रूप से पकड़ती है. उन्होंने कहा, 'अगर हम किसी को गिरफ्तार करते हैं, तो उसे 24 घंटे के भीतर क्षेत्राधिकार वाले मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए और रिमांड या हिरासत प्राप्त की जानी चाहिए. हालांकि, साइबर धोखेबाज डिजिटल अरेस्ट का झूठा दावा करते हैं, पीड़ितों को कई दिनों या हफ्तों तक हिरासत में रखते हैं और पैसे ऐंठते हैं.'
आयुक्त ने लोगों को अज्ञात कॉल सुनने या अपराध करने की तरकीबों में फंसने से सावधान किया. उन्होंने सलाह दी, 'अगर आपको संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल आती है, तो सतर्क रहें. अज्ञात कॉल करने वालों से बात न करें या अपना नाम, पता, आधार कार्ड या पैन कार्ड नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें. अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन या विश्वसनीय व्यक्तियों के माध्यम से किसी भी दावे की पुष्टि करें.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वैध एजेंसियां कभी भी व्हाट्सऐप या कॉल के माध्यम से व्यक्तिगत या गोपनीय विवरण नहीं मांगेंगी.
उन्होंने साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने वालों से खोया हुआ धन वापस पाने के लिए धोखाधड़ी वाले खातों का पता लगाने और उन्हें ब्लॉक करने में सहायता के वास्ते 1930 डायल करने का आग्रह किया.