बेंगलुरू: सरकारी अस्पतालों की अमानवीय घटना का मामला सामने आया है. यहां एक गर्भवती महिला को तीन अस्पतालों ने भर्ती करने से इंकार कर दिया. जिसके बाद महिला ने ऑटो में बच्चे को जन्म दिया. मगर इलाज के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ दिया. ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना केसी जनरल अस्पताल के बाहर रविवार को घटी.


गर्भवती महिला को नहीं मिला बेड


कोरोना वायरस से जूझ रहे मेट्रो शहर में महिला के लिए बेड की तलाश सुबह 3 शुरू हुई. मगर छह घंटे की तलाश के बावजूद उसे स्वास्थ्य सेवा और बेड मुयस्सर नहीं हुआ. श्रीरामपुरा सरकारी अस्पताल, विक्टोरिया अस्पताल और वनिविलास अस्पताल में परिजनों को बेड की कमी का हवाला देकर लौटा दिया गया. प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला ने आखिरकार बच्चे को ऑटो में जन्म दिया. बाद में ऑटो ड्राइवर महिला को केसी अस्पताल लेकर गया. मगर इलाज के अभाव में उसकी मौत अस्पताल के बाहर ही हो गई.


ऑटो में नवजात के जन्म के बाद मौत


दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से सख्त कार्यवाही करने की अपील की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "प्रसव पीड़ा से गुजर रही एक गर्भवती महिला को बेंगलुरू के कई अस्पतालों ने इलाज करने से इंकार कर दिया. ऑटो रिक्शा में जन्म देने के बाद उसने अपने नवजात को खो  दिया है. मैं आपसे अपील करता हूं कि इलाज करने से इंकार करनेवाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें."





उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि कर्नाटक में ज्यादातर गैर कोविड-19 मरीजों की मौत अस्पतालों के इलाज करने से मना करने की वजह से हो रही है. ऐसे इलाज से इंकार करनेवालों अस्पतालों का लाइसेंस रद्द किया जाए. लापरवाह अस्पतालों के लिए सिर्फ चेतावनी काफी नहीं होगी.

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