Rameshwaram Cafe Blast Case: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को दोनों आरोपियों अब्दुल मथीन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को कोलकाता से गिरफ्तार किया था. आरोपी ताहा ने बलास्ट की योजना बनाने से लेकर उसको अंजाम देने के लिए मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई थी, जबकि शाजिब ने कैफे में इस आईईडी बम को कैफे में रखा था. शनिवार (13 अप्रैल) को दोनों को बेंगलुरु कोर्ट में पेश किया गया जहां से उनको 10 दिन की रिमांड पर भेजा गया है.
इस मामले में पता चला है कि अब जांच एजेंसी दोनों आरोपियों को उन जगहों पर भी ले जाने की तैयारी कर रही है जहां पर वो ठहरे थे. बेंगलुरु और चेन्नई के इन ठिकानों पर ले जाने से पहले विस्फोट वाले स्पॉट भी ले जाएगी. एनआईए ने दोनों आरोपियो को पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के समुद्र तटीय शहर दीघा के एक होटल से अरेस्ट किया था.
ब्लास्ट के बाद कहां-कहां रुके दोनों आरोपी?
कैफे में बलास्ट की घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी ताहा और शाजिब पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 28 मार्च तक ठहरे थे. कोलकाता के 4 होटलों में रुकने का पता जांच एजेंसी को चला है. कोलकाता की अलग-अलग जगहों पर रुकने के बाद आरोपी दीघा चले गये थे. दीघा, कोलकाता से 190 किलोमीटर दूर पूर्वी मेदिनीपुर जिला का समुद्री तटीय शहर है. इस जगह से एनआईए ने इनको दबोचने में कामयाबी हासिल की है.
विदेशी हैंडलर के संपर्क में थे दोनों आरोपी
रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस के अल-हिन्द मॉड्यूल से जुड़े हैं. बताया जाता है कि दोनों आरोपी विदेशी हैंडलर के संपर्क में भी थे. अल हिंद मॉड्यूल का कई राज्यों में फैला है और इसके स्लीपर सेल यहां मौजूद हैं. इन दोनों को विदेश से निर्देश मिलते थे और उसके आधार पर ही ये वारदातों को अंजाम दिया करते थे.
तमिलनाडु में बड़े हिंदू नेता की हत्या कर चुका मास्टरमाइंड ताहा
मामले में खुलासा हुआ कि बेंगलुरु बलास्ट के मास्टरमाइंड ताहा ने 2019 में तमिलनाडु में एक बड़े हिन्दू नेता की भी हत्या की थी. एनआईए ने साल 2020 में आईएसआईएस से जुड़े 12 आतंकियों को अरेस्ट किया था जिसमें सलीम और जैद भी थे जोकि अब्दुल मथीन ताहा के करीबी थे.
कर्नाटक पुलिस ने 2020 में किया था मॉड्यूल का पर्दाफाश
अब्दुल मथीन ताहा अल-हिंद मॉड्यूल का मुख्य सरगना बताया गया है. मथीन का चचेरा भाई भी इसमें शामिल है जबकि शाजिब हुसैन उसका दूर का रिश्तेदार बताया गया है. साल 2020 में कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु में अल हिंद के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था.
देश छोड़ने की फिराक में थे दोनों आरोपी
इस मामले की जांच में जुटी एजेंसियों को यह भी पता चला है कि यह दोनों आरोपी बांग्लादेश भागने की फिराक में भी थे. अब इस मामले की जोर शोर से जांच की जा रही है कि क्या उनके विदेश भागने में कोई मदद कर रहा था. अंदेशा जताया जा रहा है कि वो देश छोड़कर कहीं भागना चाहते थे. एनआईए की टीम ने इनकी धरपकड़ के लिए कर्नाटक ही नहीं बल्कि तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत कुल 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी.