बेंगलुरु में बनेगा साउथ एशिया का सबसे बड़ा स्काईडेक, 250 मीटर ऊंची होगी इमारत; 500 करोड़ की लागत से बनकर होगा तैयार
Skydeck In Bengaluru: कर्नाटक सरकार की कैबिनेट में गुरुवार को बेंगलुरु में स्काईडेक परियोजना को बनाने की मंजूरी दे दी है, जो दक्षिण एशिया की सबसे ऊंची संरचना होगी.
![बेंगलुरु में बनेगा साउथ एशिया का सबसे बड़ा स्काईडेक, 250 मीटर ऊंची होगी इमारत; 500 करोड़ की लागत से बनकर होगा तैयार Bengaluru Skydeck South Asias tallest building will be built in karnataka worth rupees 500 crore बेंगलुरु में बनेगा साउथ एशिया का सबसे बड़ा स्काईडेक, 250 मीटर ऊंची होगी इमारत; 500 करोड़ की लागत से बनकर होगा तैयार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/23/5cf668f5466ae95a4b4660abc261e09f17243939699481021_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Skydeck In Bengaluru: कर्नाटक सरकार की कैबिनेट में गुरुवार को बेंगलुरु में स्काईडेक परियोजना को बनाने की मंजूरी दे दी है, जो दक्षिण एशिया की सबसे ऊंची संरचना होगी. बेंगलुरु में बनने वाला यह स्काईडेक 500 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा. इतना ही नहीं यह स्काईडेक न केवल बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी बल्कि इस जगह से पूरे शहर को 360 डिग्री के एंगल से देखा जा सकेगा.
बेंगलुरु में बनने वाला यह स्काईडेक 250 मीटर ऊंचा होगा. यह दिल्ली के 73 मीटर ऊंची कुतुब मीनार से तीन गुना अधिक ऊंचा होगा. यह स्काईडेक बेंगलुरु की सबसे ऊंची इमारत कहीं जाने वाली 160 मीटर ऊंचाई वाली सीएनटीसी प्रेसीडेंशियल टावर से भी ऊंचा बना रहा है. आउटर बेंगलुरु के नाइस रोड पर बनने वाले स्काईडेक में आने वाले लोगों के लिए वर्ल्ड लेवल की सुविधा मौजूद होंगी. इसके साथ-साथ इसे मेट्रो लाइन से भी जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटकों को यहां पहुंचने में किसी प्रकार की सुविधा न हो. यहां एक बड़ा शॉपिंग कंपलेक्स भी खोला जाएगा, जिसके अंदर कई तरह की सुविधा होंगी. हालांकि, स्काईडेक के अंदर किन-किन प्रकार की सुविधा होगी इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है.
बेंगालुरू के बीचों-बीच बनने वाला था ये स्काईडेक, लेकिन…
खास बात यह है कि कर्नाटक सरकार स्काईडेक को बेंगलुरु के बीचों-बीच बनाना चाहती थी, लेकिन उनके सामने दो बड़ी चुनौतियां थी. पहली ये की शहर के बीच में 25 एकड़ जमीन मिलना बेहद मुश्किल था और दूसरी की बेंगलुरु शहर के कई क्षेत्रों में रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठान है, जिन्होंने इतने ऊंचे टावर बनाए जाने को लेकर आपत्ति जताई थी.
सैन्य हवाई अड्डों को हो सकता था खतराा
स्काईडेक टावर शहर के बीचों-बीच बनाया जाता तो नागरिकों, सैन्य हवाई अड्डों को इससे खतरा हो सकता था, इसलिए इस परियोजना को आउटर बेंगलुरु में बनाने की मंजूरी दी गई है. न केवल स्काईडेक टावर बल्कि कर्नाटक कैबिनेट ने 1269 करोड़ की बड़ी लागत से बेंगलुरु में हेब्बल से सिल्कबोर्ड जंक्शन तक दो तरफा टनल बनाने के लिए भी मंजूरी दे दी है.
यह भी पढ़ें- Kolkata case: कब दिखा डॉक्टर का शव, कब गई पुलिस को कॉल; शुरू से जानिए वारदात को लेकर उठाए गए कदमों की पूरी क्रोनोलॉजी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)