बेंगलुरु में पुलिस ने एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है जो पिछले 27 सालों से घरों में चोरी करने में एक्सपर्ट है और उस पर 60 मामले दर्ज हैं. वह 45 बार गिरफ्तार भी किया जा चुका है. 42 साल के पीन्या के श्रीनिवास उर्फ ​​डोला सीना को हाल ही में राजाजीनगर पुलिस ने रंगे हाथों लूट की एक सोने की चेन के साथ गिरफ्तार किया है.


27 साल में 45 बार हुआ गिरफ्तार


पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक श्रीनिवास को पहली बार 17 साल की उम्र में कथित तौर पर एक घर में घुसने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. तब से अब तक उस पर चोरी के 60 मामले दर्ज किए गए हैं. उसके खिलाफ ज्यादातर घर के ताले तोड़कर चोरी करने का आरोप है. श्रीनिवास के खिलाफ मुख्य रूप से शहर और बेंगलुरु ग्रामीण, तुमकुरु और चित्रदुर्ग जिलों में चोरी करने के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने गिरफ्तार किए गए श्रीनिवास के पास से 6 लाख रुपये के 144 ग्राम सोने के गहने बरामद किए हैं. उसके बार से मिली सोने की चेन को उसने हाल ही में बयाडहरहल्ली में एक बंद घर से चुराई थी.


ऐसे किया गया गिरफ्तार


हाल ही में उत्तर डिवीजन के निरीक्षकों ने अपराध से संबंधित मुद्दों पर स्थानीय मुखबिरों के साथ बैठक की थी. मीटिंग के दौरान मुखबिरों को 50 से ज्यादा आदतन अपराधियों की तस्वीरें दिखाई गईं थीं. जिसके बाद पिछले हफ्ते, जालहल्ली के एक मुखबिर ने जलहल्ली क्रॉस के अय्यप्पा मंदिर के पास सोने की दुकान के बाहर खड़े श्रीनिवास को देखा था. उसने श्रीनिवास की तस्वीर क्लिक की और एक पुलिस अधिकारी को भेज दिया. इसके बाद जल्द ही राजाजीनगर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और श्रीनिवास को गिरफ्तार कर लिया. बाद में, पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली और वहां से शेष सोना बरामद कर लिया.


पेट बड़ा होने की वजह से कैदियों ने रख दिया था डोला नाम


वहीं पुलिस ने बताया कि अपनी युवावस्था से ही  श्रीनिवास का पेट काफी बड़ा था. 20 और 30 के दशक में ली गई उसकी तस्वीरों से पता चलता है कि काफी दुबला-पतला हुआ करता था. पतला होने के बावजूद, उसके पेट काफी मोटा था, इसलिए जेल में उसके साथ रहे कैदियों ने उसका नाम डोला रख दिया था.


ये भी पढ़ें


Maharashtra Cabinet Expansion: अप्रैल के पहले हफ्ते में हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, देशमुख से छीना जा सकता है गृह मंत्रालय


Corona Second Wave: फरवरी के मुकाबले 5 गुना रफ्तार से बढ़ रहे मामले, बेहद खतरनाक है संक्रमण की दूसरी लहर