नई दिल्ली: सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के लिए कल का दिन किसी इम्तिहान से कम नहीं है. कल गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों का चुनाव है और अहमद पटेल की सीट फंसी हुई है. अहमद पटेल ने जीत का दावा किया है लेकिन ये इतना आसान नहीं है.


बेंगलुरू से वापस आए विधायकों को आणंद के रिसॉर्ट में ठहराया
बीजेपी ने गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए अहमद पटेल की ऐसी घेराबंदी की कि कांग्रेस अपने 44 विधायकों को बेंगलुरू में छिपाने को मजबूर हो गई. सुबह कांग्रेस के 44 विधायक 9 दिन के बाद वापस गुजरात लौटे तो पार्टी उन्हें अहमदाबाद से 82 किलोमीटर दूर आणंद के निजानंद रिसॉर्ट में ठहरा दिया.


कांग्रेस ने लगाया खरीद फरोख्त का आरोप
कांग्रेस के सात विधायक बेंगलुरू नहीं गए थे लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि उनके सभी विधायक राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का ही साथ देंगे. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उनके विधायकों को क्रॉस वोटिंग के लिए 15 करोड़ का ऑफर दिया था। फिलहाल छह कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.


क्या है गुजरात में राज्यसभा चुनाव का गणित?
गुजरात में कल राज्यसभा की 3 सीटों के लिए चुनाव है. राज्यसभा चुनाव में राज्य के विधायक वोट डालते हैं. गुजरात में कुल 182 विधायक हैं. 6 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद 176 विधायक हैं.


गुजरात में बीजेपी के 121 और कांग्रेस के 51 विधायक हैं. जीत के लिए उम्मीदवार को कम से कम 45 विधायकों का वोट चाहिए. अमित शाह और स्मृति ईरानी का राज्यसभा पहुंचना तय है. अहमद पटेल और बलवंत सिंह के बीच कांटे की टक्कर है. बलवंत सिंह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. अगर कुछ कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोट किया तो अहमद पटेल की हार तय है.


बीजेपी ने भी कमर कस ली है
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और स्मृति ईरानी भी गांधीनगर पहुंच चुके हैं. अमित शाह ने बीजेपी विधायकों के साथ बैठक भी की. सूत्रों के मुताबिक विधायकों को दिशा निर्देश दिए गए कि कौन विधायक किस प्रत्याशी के नाम पर पहली मुहर लगाएगा. बैठक में स्मृति ईरानी के अलावा तीसरे उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत भी मौजूद रहे, सीएम विजय रुपाणी ने बीजेपी के तीनों उम्मीदवारों की जीत का दावा किया.


अहमद पटेल की हार जीत की तुलना सोनिया गांधी से
ये राज्यसभा चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि अहमद पटेल की हार और जीत को सोनिया गांधी से जोड़कर देखा जा रहा है. यूपीए के 10 साल के राज में अहमद पटेल ही सोनिया गांधी की आवाज हुआ करते थे.