बेंगलुरु हिंसा: NIA की 30 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी, अहम साजिशकर्ता गिरफ्तार
छापेमारी के दौरान कई एयर गन छर्रे, धारदार हथियार, लोहे की छड़ें डिजिटल डिवाइस, डीवीआर और पीएफआई और एसडीपीआई से संबंधित अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.
नई दिल्ली: बेंगलुरु दंगों के मामले में एनआईए ने आज 30 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की इस छापेमारी के दौरान दंगे से संबंधित अहम समान बरामद किया गया है. साथ ही इस मामले के एक अहम साजिशकर्ता सदीक अली को भी गिरफ्तार किया गया है. सादिक अली एक बैंक के साथ रिकवरी एजेंट के तौर पर काम करता है.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए ने बेंगलुरु में हुई अगस्त 2020 में हुई हिंसा के मामले में मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में आरोप है कि एसडीपीआई और पीएफआई के कार्यकर्ताओं की साजिश के चलते इस दंगे को अंजाम दिया गया था.
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक आज के छापों के दौरान कई एयर गन छर्रे, धारदार हथियार, लोहे की छड़ें डिजिटल डिवाइस, डीवीआर और पीएफआई और एसडीपीआई से संबंधित अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.
अधिकारी के मुताबिक इस मामले में एक साजिशकर्ता सादिक अली को भी गिरफ्तार किया गया जो बेंगलुरु का ही रहने वाला है. सादिक अली पर आरोप है कि वह 11 अगस्त 2020 की देर शाम बंगलुरु के केजी हल्ली पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में शामिल था. इस हमले के दौरान सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. साथ ही दंगाइयों ने थाना परिसर और आसपास के इलाकों में खड़े पुलिस वाहनों तथा अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया था. सादिक इस मामले में दंगे के बाद से ही फरार चल रहा था.
यह दंगा बेंगलुरु के पुलकेशीनगर के विधायक के भतीजे द्वारा एक सोशल कमेंट किए जाने के बाद भड़का था और आरोप है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राज्य सचिव मुजम्मिल पाशा और पीएफआई के लोगों द्वारा इनके घरों पर हमला बोला गया तथा अनेक जगहों पर दंगे किए गए.
एनआईए को उम्मीद है कि इस मामले में सादिक की गिरफ्तारी एक अहम कड़ी है जिससे पूछताछ के दौरान अनेक खुलासे हो सकते हैं और दंगे की पीछे की पूरी साजिश का खुलासा हो सकता है. फिल्हाल मामले की जांच जारी है.
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