बेंगलुरु में पानी की किल्लत: 22 घरों पर लगा जुर्माना, वॉटर शॉर्टेज में कार धोने और बागवानी करने पर देने पड़े लाखों रुपये
बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त कई शिकायतों के आधार पर पीने का पानी बर्बाद करने वालों पर जुर्माना लगाया है.

बेंगलुरु में जल संकट के बीच गैर-जरूरी उद्देश्यों के लिए पीने का पानी का उपयोग नहीं करने के आदेश का उल्लंघन करने पर बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने 22 परिवारों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
अधिकारियों ने कहा कि यह आदेश लगभग दो सप्ताह पहले जारी किया गया था और बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त कई शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की.
BWSSB के अनुसार, 'आदेश का उल्लंघन करने और विशेष रूप से शहर के कुछ हिस्सों में पानी की कमी के बीच कार धोने, बागवानी और अन्य गैर-जरूरी उद्देश्यों के लिए पेयजल का उपयोग करने के लिए 22 घरों पर कुल 1.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.'
BWSSB ने सात मार्च को बेंगलुरु शहर में वाहनों की सफाई, इमारतों और सड़कों के निर्माण, मनोरंजन उद्देश्यों या फव्वारे जैस कार्यों के लिए पेयजल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था. आदेश में मॉल और सिनेमा हॉल को केवल पीने के लिए पानी का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी.
बेंगलुरु इस समय पानी की कमी के गंभीर संकट से जूझ रहा है. लोगों को नहाने और कपड़े धोने के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है. घरों में नलों में पानी नहीं है इसलिए टैंकरों का इंतजाम किया गया है. टैंकरों पर भी सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा है और वह बाल्टियां लिए लाइनें लगाकर खड़े रहते हैं. इतना ही नहीं रातों को लोग पानी भर-भर कर अपनी डेली लाइफ मैनेज कर पा रहे हैं.
शहर में हो रही पानी की इस किल्लत के पीछे की एक वजह कम बारिश को भी माना जा रहा है. पिछले साल यहां 18 फीसदी कम बारिश हुई थी. सेंट्रल डेटा वॉटर कमीशन (CWC) के अनुसार, जिस तरह के हालात हैं उससे निपटने के लिए जलाशयों में 880 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी होना चाहिए, लेकिन सिर्फ 650 करोड़ क्यूबिक मीटर ही बचा है. CWC के डेटा में बताया गया कि एक महीने पहले जलाशयों में 7.7 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद था.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

