(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बेंगलुरु के लैब ने बनाया ऐसा डिवाइस को बन सकता है वेंटिलेटर का विकल्प, बचाई जा सकेगी जान
बेंगलुरु कि एक स्टार्ट अप कंपनी ने कंट्यूनस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (CPAP) मशीन तैयार किया है जो कि वेंटिलेटर का विकल्प साबित हो सकता है. COEO लैब्स जल्द इन मशीनें को विक्टोरिया अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में तैनात करेगा.
बेंगलुरुः कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा देश वैक्सीन बनाने की ओर कदम बढ़ा रहा है. इसी क्रम में बेंगलुरु में बढ़ रहे कोरोना वायरस के केस के बीच शहर के स्टार्ट अप कंपनियां इस महामारी से लड़ने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. हाल ही में बेंगलुरू की बायोकॉन बायोलॉजिक्स ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बायोलॉजिक दवा Itoliuzumab पेश की है. जिसकी एक बोतल की कीमत लगभग 8,000 रुपये तक हो सकती है.
अप्रैल महीने में बेंगलुरु की कुछ स्टार्ट अप कंपनियों को सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मोलेक्यूलर प्लेटफॉर्म (C-CAMP) द्वारा चुना गया था. जिसका मकसद कोरोना संक्रमण महामारी से लड़ने के लिए नए नए इन्नोवेशन करना है. अब तक कई ऐसे प्रोडक्ट बन भी चुके हैं, जो कि मार्केट में उतारे जा रहे हैं. इसी क्रम में बेंगलुरु कि एक स्टार्ट अप कंपनी ने कंट्यूनस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (CPAP) मशीन तैयार किया है जो कि वेंटिलेटर का विकल्प साबित हो सकता है. COEO लैब्स जल्द इन मशीनें को विक्टोरिया अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में तैनात करेगा.
COEO लैब्स के नितेश कुमार जांगिड़ का कहना है कि फिलहाल ऐसे कुल 50 मशीन बनाए जा रहे हैं जो कि अगले 7 दिनों में विक्टोरिया अस्पताल में तैनात किए जाएंगे. कंपनी का टारगेट है कि आने वाले दिनों में ऐसे 500 डिवाइस बनाकर बेंगलुरू में अलग अलग अस्पतालों में तैनात करना है.
नितेश कुमार जांगिड़ ने बताया कि इस डिवाइस का नाम सांस रखा गया है. बढ़ते कोरोना वायरस के केस को देखते हुए यह काफी कारगर साबित होगा.
कंपनी की माने तो सीपीएपी मशीन वेंटिलेटर की जगह ठीक उसी तरह काम कर सकता है. वेंटिलेटर आईसीयू में एक बहुत ही कॉम्प्लेक्स मशीन है जिसे केवल एक स्पेशलाइज्ड डॉक्टरों की टीम ही हैंडल कर सकती है. देश में जितने केस हैं उस मुकाबले टीम की कमी ज़रूर कह सकते हैं. साथ ही ना सिर्फ बेंगलुरू, बल्कि पूरे देश और दुनिया में वेंटिलेटर पर ज्यादा मौतों की रिपोर्ट सामने आई है.
ऐसे में इस सीपीएपी मशीन को आईसीयू के बाहर भी नर्स या कोई और मेडिकल स्टाफ भी हैंडल कर सकता है. यह एक हेलमेट जैसा डिवाइस है जो कि पेशंट के सिर में डाला जाता है और जिसके जरिए एयरवे प्रेशर दिया जाता है. कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति की सांस के जरिए वायरस बाहर नहीं आ सके यह भी इस मशीन में सुनिश्चित किया गया है. इसी मशीन के जरिए पेशंट को खाना देने का भी रास्ता निकाला गया है. कंपनी का दावा है कि इस मशीन का उपयोग कहीं भी किया जा सकता है और वेंटिलेटर और आईसीयू के बाहर ही लोगों की जान बचाई जा सकती है.
इसे भी देखेंः पश्चिम बंगाल में कोरोना के 2436 नए मामले आए, 50 हजार के पार पहुंची संक्रमितों की संख्या
छत्तीसगढ़ में सामने आए कोरोना के 286 नए मामले, संक्रमितों का आंकड़ा 6 हजार के पार