मुंबई: बेस्ट कर्मचारियों को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने एक घंटे के भीतर हड़ताल खत्म करने के आदेश दिये हैं. हाईकोर्ट ने आज कहा कि कर्मचारी यूनियन एक घंटे के भीतर हड़ताल खत्म करने की घोषणा करें. मुंबई की लाइफलाइन मानी जानी वाली बंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) के 20,000 से अधिक कर्मचारी पिछले 9 दिनों से हड़ताल पर हैं.


हड़ताल की वजह से रोजना बस से सफर करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बेस्ट, दक्षिण मुंबई में विद्युत आपूर्ति करती है और मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में यात्रियों को सार्वजनिक बस सेवाएं मुहैया कराती है. मुंबई में लोकल ट्रेनों के बाद बेस्ट बस यातायात का दूसरा सबसे बड़ा साधन है. बेस्ट की बसों में हर दिन 80 लाख से अधिक यात्री सवार होते हैं.






कर्मचारियों की मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल आठ जनवरी से चल रही है. इन मांगों में घाटे में चल रही बेस्ट को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के साथ विलय, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य दूसरी मांगें शामिल हैं.


कल बेस्ट ने अदालत को बताया था कि वह अपने कर्मचारियों को अंतरिम वेतन वृद्धि देने पर राज्य सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सुझाए गए कदमों को लागू करना चाहता है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सिफारिश की कि हड़ताल बंद करने के लिए अंतरिम राहत के तौर पर समयबद्ध तरीके से करीब 15,000 कर्मचारियों के लिए वेतन में ‘10 चरण की वृद्धि’ दी जाए.


हालांकि बेस्ट कर्मचारी संघ के नेता शशांक राव ने मंगलवार को प्रस्ताव खारिज कर दिया. संघ बेस्ट के बजट का बीएमसी में विलय करने की अपनी मांग को लेकर अड़ा हुआ है. बेस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार इस मांग पर गंभीरता से विचार कर रही है.


एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उच्चाधिकार प्राप्त समिति दोनों बजटों का विलय करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. इस पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है.’’ इस बीच, हड़ताल के कारण यात्रियों की मुसीबतें बनी हुई है. हालांकि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने उनकी परेशानियों को कम करने के लिए अपनी बसें उतारी हैं.


बेस्ट के एक ड्राइवर ने असुविधा के लिए यात्रियों से माफी मांगी लेकिन साथ ही उनसे बस कर्मचारियों के सामने पेश आ रही समस्याओं को समझने की अपील भी की. ड्राइवर ने कहा, ‘‘हम पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक रूप से परेशान चल रहे हैं. हमारे पास हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था लेकिन हमें उम्मीद है कि यह जल्द खत्म हो जाएगी.’’